नई दिल्ली : लगता है दिल्ली के अच्छे दिन आने वाले हैं क्योंकि दिल्ली में सरकार बनाने की अटकलें तेज हो गई हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि अगर औपचारिक न्योता मिला तो सरकार बनाने पर विचार करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों के समर्थन देने की खबर है। आम आदमी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज (शनिवार) राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उनसे दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग को राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित करने की अनुमति नहीं देने की अपील करेगा।
दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, ने भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी के दिल्ली प्रभारी प्रभात झा के साथ विचार-विमर्श किया। इससे पहले राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर फैसला करेगी। भाजपा में यह हलचल ऐसे समय में तेज हुई है जब दो दिन पहले ही दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजकर सबसे बड़ी पार्टी से विचार-विमर्श कर सरकार गठन की संभावनाएं तलाशने की इजाजत मांगी थी।
दिल्ली में अगर भाजपा सरकार बनाने का फैसला करती है तो पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे नजर आ रहे हैं। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेताओं में आमतौर पर यह सहमति है कि पूर्व वित्त मंत्री मुखी ही मुख्यमंत्री का पद संभालें। जनकपुरी से विधायक 74 वर्षीय मुखी सात बार विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री पद का फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड करेगा।
आम आदमी पार्टी सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति सचिवालय ने शनिवार शाम को मुलाकात के लिए पार्टी को समय दे दिया है। जंग द्वारा सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्यौता दिए जाने की अनुमति मांगते हुए राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजे जाने के मद्देनजर AAP यह कदम उठा रही है।
AAP ने जंग के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन पर विधायकों की ‘खरीद फरोख्त’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। AAP के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने कहा, राष्ट्रपति को उन्हें तथा भाजपा को लोकतंत्र से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि एक पार्टी जो पहले एक बार सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है, उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है तो यह संविधान से बलात्कार होगा।
अपनी रिपोर्ट में उप-राज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली के राजनीतिक हालात का विस्तृत विश्लेषण दिया और शहर में एक चुनी हुई सरकार होने की जरूरत बताई। दिल्ली में 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार के इस्तीफे के बाद 17 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। उप-राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में यूं तो किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया पर भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया जा सकता है क्योंकि वह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 28 विधायक हैं। भाजपा ने 31 सीटें जीती थी पर पार्टी के तीन विधायक -हषर्वर्धन, रमेश बिधुड़ी और प्रवेश वर्मा- लोकसभा के लिए चुने गए और उन्हें अपनी विधानसभा सीटें छोड़नी पड़ी थी। आम आदमी पार्टी को विधानसभा के अपने पहले चुनावों में ही 28 सीटें हासिल हुई थीं और उसने कांग्रेस के आठ विधायकों के बाहरी समर्थन से दिल्ली में सरकार बना ली थी।
इस बीच, भाजपा ने कहा कि विधायकों के बीच गोपनीय मतदान कराना दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को चुनने का एक विकल्प हो सकता है और राष्ट्रीय राजधानी में नई सरकार के गठन के लिए इस विकल्प पर विचार किया जा सकता है। पार्टी का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून के एक प्रावधान के तहत उठाए जाने वाले इस कदम से दलबदल विरोधी कानून और राजनीतिक दलों के व्हिप का कोई असर नहीं होगा।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली में अगली सरकार बनाने के लिए कई विकल्प हैं जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून की धारा 9 (2) को प्रभावी करना भी शामिल है। इस धारा के तहत दलबदल विरोधी कानून से प्रभावित हुए बगैर मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए विधायकों के बीच गोपनीय मतदान कराया जा सकता है। उपाध्याय ने कहा, इस प्रक्रिया में राजनीतिक दल अपने विधायकों के लिए व्हिप नहीं जारी कर सकेंगे।
भाजपा नेता ने कहा कि एक अन्य विकल्प सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्योता देना है क्योंकि पहले ऐसे उदाहरण रहे हैं जब अल्पमत सरकार रही है। बहरहाल, उपाध्याय ने कहा कि यदि दिल्ली में नए सिरे से चुनाव कराने पर फैसला हुआ तो पार्टी चुनाव के लिए भी तैयार है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, पर यदि हमें दिल्ली में सरकार बनाने का न्योता मिला तो हम आलोचनात्मक विश्लेषण करेंगे और बारीकी से हर पहलु पर विचार करके ही कोई फैसला करेंगे। किसी पार्टी का कोई विधायक अभी चुनाव नहीं चाहता। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त नहीं करेगी और न ही पार्टी को सरकार बनाने का कोई न्योता मिला है।
उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने उप-राज्यपाल की एक रिपोर्ट के मद्देनजर दिल्ली में राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए गृह मंत्री से मुलाकात की। उप-राज्यपाल ने रिपोर्ट में सबसे बड़ी पार्टी से संपर्क कर सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशने की इजाजत मांगी थी। हालांकि, उपाध्याय ने राजनाथ से हुई अपनी मुलाकात के बारे में इससे ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया।
प्रदेश अध्यक्ष ने उप-राज्यपाल पर हमला बोलने के लिए आम आदमी पार्टी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि AAP के नेताओं द्वारा संविधान का बलात्कार जैसे अभद्र शब्द का इस्तेमाल उनकी घटिया मानसिकता दिखाता है।
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