नई दिल्ली। जिस रफ्तार से टेक्नॉलॉजी विकसित हो रही है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल्द ही इंसानों के लिए कुछ भी असंभव नहीं रह जाएगा। लेकिन टेक्नोलॉजी के लगातार होते विकास ने मानवता को कहीं पीछे छोड़ दिया।
हाल ही में न्यूजीलैंड की सांसद लॉरा मैक्लूर ने डीपफेक टेक्नोलॉजी की काली सच्चाई दुनिया के सामने रखी है। उन्होंने संसद के फ्लोर पर अपने ही एक AI-जनरेटेड नग्न तस्वीर को दिखाया, जो पूरी तरह नकली था। सांसद मेक्लूर ने कहा, "यह मेरा नग्न चित्र है, लेकिन यह असली नहीं है।"

उन्होंने डीपफेक के खतरों पर बात करते हुए कहा, "पीड़ितों के लिए यह अपमानजनक और दिल दहलाने वाला है। मुझे संसद में यह तस्वीर उठाकर दिखाना भयानक लगा, भले ही मुझे पता था कि यह मैं नहीं हूं।"

'समस्या तकनीक में नहीं, इसके दुरुपयोग में है'

लॉरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस चित्र को साझा करते हुए लिखा, "आज मैंने संसद में अपने AI-जनरेटेड नग्न डीपफेक चित्र को दिखाया ताकि यह जाहिर हो कि ये कितने वास्तविक दिखते हैं और इन्हें बनाना कितना आसान है। समस्या तकनीक में नहीं, बल्कि इसके दुरुपयोग में है, जिससे लोगों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हमारे कानूनों को इसकी गंभीरता के साथ कदम मिलाना होगा।"