जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी, जिसमें उसने मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार को सरकारी भवनों और संवैधानिक प्राधिकारियों के वाहनों पर राज्य का झंडा लगाने को कहा था।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव फारूख खान ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए न्यायमूर्ति ताशी रबस्तान और न्यायमूर्ति बंसी लाल भट की पीठ के सामने याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति हसनैन मसूदी की एकल पीठ ने प्रदेश सरकार के उस परिपत्र को सही ठहराया थ जिसमें सभी संवैधानिक अधिकारियों को अपने सरकारी भवनों एवं वाहनों पर राज्य का झंडा लगाने को कहा गया था।
याचिकाकर्ता के वकील सुनील सेठी ने बताया कि दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने अंतत: एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी। झंडा घटनाक्रम से राज्य में एक राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था कि अगर मुफ्ती अपनी सहयोगी भाजपा की कुटिल साजिश से राज्य की मर्यादा और झंडे को बचा नहीं सकते तो उन्हें अपने पद से हट जाना चाहिए। राज्य की पीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार में भाजपा भी शामिल है। भाजपा एक विधान, एक निशान और एक प्रधान पर जोर देती रही है।
जम्मू-कश्मीर का झंडा लगाने के आदेश पर रोक
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