लीड्स : जो रूट के करियर के दूसरे वनडे शतक की मदद से इंग्लैंड ने पांचवें और आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत को 41 रन से हराकर ‘क्लीन स्वीप’ करने से रोक दिया। रूट ने 108 गेंदों पर दस चौकों और तीन छक्कों की मदद से 113 रन बनाये जिससे इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर सात विकेट पर 294 रन बनाने में सफल रहा।
जवाब में भारतीय टीम 48.4 ओवर में 253 रन पर आउट हो गई। हालांकि भारत श्रृंखला पहले ही जीत चुका था। रूट ने विकेट कीपर बल्लेबाज जोस बटलर (49) के साथ पांचवें विकेट के लिये केवल 71 गेंदों पर 108 रन की साझेदारी की। इन दोनों के अलावा कप्तान एलिस्टेयर कुक ने 46 और बेन स्टोक्स ने नाबाद 33 रन का योगदान दिया।
भारत के सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे आज खाता भी नहीं खोल सके जबकि शीर्ष क्रम के बाकी बल्लेबाज अच्छी शुरूआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाये। रविंद्र जडेजा ने 87 रन की पारी खेली लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने 62 गेंद की अपनी पारी में नौ चौके और दो छक्के लगाये। युवा बल्लेबाज अंबाती रायुडू ने 65 गेंद में 53 रन बनाये जिन्हें बेन स्टोक्स ने पवेलियन भेजा।
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने 44 गेंद में 31 रन बनाये। मोईन अली ने उन्हें और सुरेश रैना (18) को पवेलियन भेजा। महेंद्र सिंह धोनी के क्रीज पर रहने तक भारत की उम्मीदें कायम थी लेकिन उनके आउट होने के बाद इंग्लैंड की जीत औपचारिकता मात्र रह गई थी।
स्टीवन फिन की बाहर जाती गेंद से छेड़खानी करने का धोनी को खामियाजा भुगतना पड़ा और गेंद सीधे स्टोक्स के हाथ में गई। इसके बाद जडेजा ने इंग्लैंड का जीत के लिये इंतजार लंबा कर दिया। इंग्लैंड के लिये स्टोक्स ने 47 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि जेम्स एंडरसन, मोईन अली और स्टीवन फिन ने दो दो विकेट लिये।
भारत की तरफ से मोहम्मद शमी फिर से सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 52 रन देकर दो विकेट लिये। भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, आर अश्विन और सुरेश रैना को एक एक विकेट मिला। रविंद्र जडेजा गेंदबाजी में आज नहीं चल पाये। उन्होंने नौ ओवर में 66 रन दिये और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
धोनी ने फिर से टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया जिसकी शुरूआत अच्छी नहीं रही। एलेक्स हेल्स (4) ने शुरू में ही आक्रामक तेवर दिखाने चाहे लेकिन यादव की गेंद पर उनका गलत शाट मिडविकेट पर कैच में तब्दील हो गया। पिछले मैच में तेजतर्रार अर्धशतक जमाने वाले मोईन अली को उपरी क्रम में भेजा गया लेकिन वह नहीं चल पाये और केवल नौ रन बनाने के बाद थर्ड मैन पर कैच दे बैठे।
स्कोर दो विकेट पर 39 रन हो गया लेकिन इंग्लैंड के लिये श्रृंखला में यह नयी बात नहीं थी। कुक और रूट ने तीसरे विकेट के लिये 52 रन जोड़कर यहां से पारी को संवारा। इस बीच भाग्य ने भी इंग्लैंड के कप्तान का साथ दिया। दो बार गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप क्षेत्र से निकली लेकिन तब वहां कोई क्षेत्ररक्षक नहीं था।
इससे नए बल्लेबाज बटलर पर दबाव बन गया लेकिन उन्होंने इसे खुद पर हावी नहीं होने दिया और पांचवें विकेट के लिये शतकीय साझेदारी निभायी। श्रृंखला में पहली बार भारतीय स्पिनर प्रभावशाली नहीं रहे तथा दूसरे पावरप्ले में इसका असर साफ दिखा जिसमें रूट और बटलर ने पांच ओवरों में 55 रन जोड़े। इन दोनों ने केवल 75 गेंदों पर शतकीय साझेदारी पूरी की। बटलर हालांकि अर्धशतक पूरा नहीं कर पाये और रन आउट होकर पवेलियन लौटे।
रूट ने इसके बाद 45वें ओवर में अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिये 105 गेंद खेली तथा नौ चौके और दो छक्के लगाये। इसके बाद उन्होंने एक और छक्का जड़ा लेकिन तेजी से रन बनाने के प्रयास में शमी की गेंद पर अश्विन को कैच दे बैठे। स्टोक्स ने आखिरी ओवरों में कुछ करारे शाट जमाये। भारत ने आखिरी 15 ओवरों में 143 रन लुटाये।