मुंबई : वर्ष 2015-16 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 7-7.5 प्रतिशत किए जाने के बाद शेयर बाजारों में चार दिनों से जारी तेजी आज थम गई और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 284 अंक नीचे बंद हुआ।
तेल सहित प्रमुख जिंसों की कीमतों में नरमी ने आग में घी डालने का काम किया और ज्यादातर जिंस कंपनियों के शेयर बिकवाली के शिकार हुए। बीएसई सेंसेक्स कमजोर खुलने के बाद कारोबार के दौरान बिकवाली दबाव में रहा और अंतत: 284.56 अंक टूटकर 25,519.22 अंक पर बंद हुआ। पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में करीब 760 अंक की बढ़त दर्ज की गई थी।
इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 82.40 अंक नीचे 7,761.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 7,753.35 और 7,836.15 अंक के दायरे में घूमता रहा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान पूर्व के 8.1-8.5 प्रतिशत से आज घटाकर 7-7.5 प्रतिशत कर दिया। हालांकि सरकार ने कहा कि बजट घाटे का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा क्योंकि अधिक कर राजस्व से पीएसयू में विनिवेश से कमी की भरपाई कर ली जाएगी।
ब्रोकरों ने कहा कि पिछले चार कारोबारी सत्र में लिवाल बने रहे निवेशकों ने आज प्रमुख कंपनियों के शेयरों में मुनाफा वसूली की। वहीं अमेरिकी कांग्रेस द्वारा एच-1बी और एल-1 वीजा पर 4,500 डालर तक का एक विशेष आउटसोर्सिंग शुल्क लगाने से आईटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दर्ज की गई। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 28 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।
वृद्धि दर अनुमान घटाने से बाजार गिरा, सेंसेक्स 285 अंक टूटा
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