नासिक। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के मामले में दोषी करार दिए गए और उम्रकैद की सजा काट रहे शरीफ गफूर पारकर की नासिक के अस्पताल में मौत हो गई। 80 वर्षीय पारकर पक्षाघात (पैरालिसिस) का शिकार था।

गुरुवार को नासिक के जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई। नासिक रोड सेंट्रल जेल अधीक्षक रमेश कांबले ने कहा कि पारकर पैरालिसिस और तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारी से पीडि़त था। जेल और नासिक अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। दो दिन पहले ही उसे नासिक जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां गुरुवार दोपहर उसकी मौत हो गई।

पारकर ने मई 2013 में मुंबई की टाडा अदालत में आत्मसमर्पण किया था, ताकि इस मामले में उसे मिली उम्रकैद की बाकी सजा काट सके। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। आत्मसमर्पण के बाद से वह नासिक जेल में था।

पारकर को मार्च 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों से पहले रायगढ़ जिले में हथियारों की खेप लाने और बम धमाकों की साजिश रचने के लिए टाडा अदालत ने दोषी करार दिया था।