
नई दिल्ली : पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने आज कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म और पंथ नहीं होता तथा यह वैश्विक घटना है, जिसे आधी अधूरी रणनीतियों से मात नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि देशों को इससे लड़ने के लिए आपसी और सामूहिक पूर्वाग्रह पीछे छोड़ने चाहिए।
पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल हमले का एक साल पूरा होने के मौके पर यहां आयोजित एक समारोह में बासित ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उनके देश का दर्द समझना चाहिए क्योंकि जब कुछ लोग बंद आंखों से पाकिस्तान के बारे में कुछ कहते हैं तो दुख होता है। हिंसक चरमपंथ को जितना पाकिस्तान ने झेला है उतना किसी अन्य देश ने नहीं झेला।
पेशावर में पिछले साल आज के दिन तहरीक ए तालिबान से जुड़े सात बंदूकधारियों के हमले में बहुत से बच्चों सहित कम से कम 148 लोगों की मौत हुई थी। बासित ने कहा, ‘आतंकवाद वैश्विक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय घटना है, इसे आधी अधूरी और असंगत रणनीतियों से परास्त नहीं किया जा सकता। हमें आतंकवाद मिटाने और यह सुनिश्चित करने के लिए आपसी और सामूहिक पूर्वाग्रह पीछे छोड़ने होंगे ताकि यह समस्या दुनिया में कहीं फिर सिर न उठाए।’
उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म और कोई पंथ नहीं होता। पाकिस्तानी उच्चायुक्त के हवाले से उच्चायोग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘यह हमारी सभ्यता के खिलाफ है और अराजकता तथा अव्यवस्था पैदा कर रहा है। आतंकवाद को लेकर कोई भी देश चाहे कितना भी शक्तिशाली हो, असावधान नहीं हो सकता। हम इससे तभी जीत सकते हैं जब हम मिलकर लड़ेंगे।’
पेशावर हमले को ‘अहम क्षण’ बताते हुए बासित ने कहा कि पाकिस्तान की जनता बच्चों द्वारा दिये गये बलिदान को कभी बेकार नहीं जाने देगी। उन्होंने कहा, ‘हम सभी प्रकार और रूपों के आतंकवाद को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आतंकवाद निर्दोष लोगों को निशाना बनाता है इसलिए इसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। हमारे पास इसे खत्म करने के लिए लड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं है।’ कार्यक्रम में शामिल लोगों ने एक मिनट का मौन रखा और पीड़ितों की याद में मोमबत्ती जलाई।