भोपाल : तीन मुल्कों की सरहदों के बीच फंसे रमजान को पाकिस्तान पहुंचाने कोशिशें बेहद तेज हो गई है. पाकिस्तानी अधिकारी के बाद अब बांग्लादेश उच्चायोग के अधिकारी भोपाल आ सकते है.

बांग्लादेश के अधिकारी रमजान से उसके भारत पहुंचने के बारे में जानकारी लेंगे कि आखिर रमजान किस तरह से भारत पहुंचा.

बांग्लादेश उच्यायोग के अधिकारियों को केंद्र सरकार ने भारत आने की परमिशन दे दी है. जल्द ही बांग्लादेश के अधिकारी आरंभ-उम्मीद बालगृह में रमजान से मुलाकात करेंगे.

15 वर्षीय किशोर रमजान पिछले दो सालों से भोपाल में बालगृह में रह रहा है. बांग्लादेश से भागकर रमजान भारत पहुंचा और अब रमजान कराची में अपनी मां के पास वापस जाना चाहता है.

रमजान को अपने मुल्क पाकिस्तान वापस भेजने जिस तरह से कोशिशें हो रही है उससे लग रहा है कि रमजान भी गीता की तरह जल्द ही अपने मुल्क पाकिस्तान पहुंच जाएगा.

सौतेली मां और पिता से तंग होकर आया भारत

15 वर्षीय पाकिस्तान किशोर रमजान की मां रजिया बेगम से तलाक के बाद उसका पिता मोहम्मद काजल उसे मां से अलग कर बांग्लादेश लेकर गए थे. वहां उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी.

दूसरी शादी के बाद पिता का व्यवहार बदल गया और सौतेली मां से भी प्रताड़ना मिलने लगी. ऐसे में रमजान को अपनी मां की याद सताने लगी. कराची लौटने के लिए रमजान बांग्लादेश से भारत आया और फिर यहां कई शहरों में भटकता रहा.

पांच साल पहले उसे भोपाल रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने पकड़ लिया था. काफी पूछताछ के बाद रमजान को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया.

पिछले दो सालों से घर जाने को बेताब रमजान ने कभी नहीं बताया कि वह पाकिस्तानी है. चाइल्ड लाइन में आधार कार्ड बनने के समय ही अपने पाकिस्तानी होने की बात बताई, जिसके बाद आईबी के अधिकारियों ने भी रमजान से आकर पूछताछ की थी.