राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सिवान की एक अदालत ने दो युवकों की हत्या के मामले में दोषी करार दिया है.
शहाबुद्दीन के अलावा तीन अन्य लोगों राजकुमार साह, शेख़ असलम और आरिफ़ हुसैन को भी इस हत्याकांड में दोषी ठहराया गया है.
दो युवकों की हत्या का यह मामला अगस्त 2004 का है. इस मामले में शहाबुद्दीन को 11 दिसंबर को सज़ा सुनाई जाएगी.
विशेष अदालत के जज अजय कुमार श्रीवास्तव के इस फ़ैसले के बाद शहाबुद्दीन के वकील अभय कुमार राजन ने बीबीसी से कहा, ''शहाबुद्दीन पर जेल से निकलकर दो अपहृत युवकों की तेज़ाब डालकर हत्या करवाने का आरोप था. इस मामले में पटना हाईकोर्ट में अपील की जाएगी.''
ये मामला 'तेज़ाब हत्याकांड' के नाम से चर्चित है जिसमें दो सगे भाइयों गिरीश और सतीश की हत्या कर दी गई थी. मृतकों के तीसरे भाई राजीव रोशन की भी हत्या वर्ष 2014 में कर दी गई थी. राजीव इस मामले में चश्मदीद गवाह थे. इन दोनों भाइयों के शव कभी भी बरामद नहीं किए जा सके.
पीड़ित परिवार के वकीलों के मुताबिक़ चंद्रशेखर प्रसाद के तीन लड़कों को सिवान के गोशाला रोड स्थित घर से 16 अगस्त 2004 को अगवा कर लिया गया था.
अपहरण का आरोप राजकुमार साह, शेख़ असलम और आरिफ़ हुसैन पर लगाया गया. आरोपों के मुताबिक़ इसके बाद तीनों भाइयों को शहाबुद्दीन के पैतृक गाँव प्रतापपुर ले जाया गया. गिरीश और सतीश की तेज़ाब डालकर हत्या कर दी गई. राजीव भागने में सफल रहे.
शहाबुद्दीन अभी इस हत्याकांड सहित एक अन्य मामले में सिवान की जेल में बंद हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था.
\'तेज़ाब हत्याकांड\' में शहाबुद्दीन दोषी करार
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