भोपाल: पास होने के लिये 40 और पढ़ाने के लिये 100 प्रतिशत ज्ञान होना चाहिये। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात समन्वय भवन में पॉलीटेक्निक कॉलेजों में नव-पदस्थ व्याख्याताओं के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कही। गुप्ता ने कहा कि शिक्षक की भूमिका अब मेंटर की है। उसे यह सिखाना है कि विद्यार्थी आगे भी ‘लर्न टू लर्न” के लिये कैसे प्रशिक्षित हों। गुप्ता ने कहा कि शिक्षक के लिये जरूरी है कि उसे विषय का अच्छा ज्ञान होने के साथ ही प्रस्तुतीकरण भी बढ़िया हो। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में आपकी शिक्षकों से जो अपेक्षाएँ थीं, वह आप में होनी चाहिये। गुप्ता ने कहा कि शैक्षणिक परिसरों में चर्चा का विषय शिक्षा ही होना चाहिये। इंडिया वन समाचार को मिली जानकारी के अनुसार तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थी महाविद्यालय में सीखने की मानसिकता से आता है। वह सिर्फ कक्षा में ही नहीं पूरे परिवेश और शिक्षकों के आचरण एवं व्यवहार से भी सीखता है। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थियों का विश्वास जीतेंगे तो वह आपकी हर बात मानेगा। गुप्ता ने कहा कि संस्कार-विहीन शिक्षा विध्वंसक होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का लगातार रिफ्रेशर कोर्स होना जरूरी है।
पाठ्यक्रम में बदलाव का सुझाव प्रमुख
सचिव तकनीकी शिक्षा संजय सिंह ने कहा कि नव-पदस्थ व्याख्याता पाठ्यक्रम में बदलाव के सुझाव दें। उन्होंने कहा कि टीचिंग मेथडालॉजी में ई-कान्टेंट का उपयोग अधिक से अधिक करें। सिंह ने कहा कि सीखने की प्रक्रिया कभी बंद नहीं करें। अपर सचिव तकनीकी शिक्षा सुनील गुप्ता ने कहा कि अध्ययन की नई तकनीकों का उपयोग करें। संचालक आशीष डोंगरे ने कहा कि व्याख्याताओं को पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों की कार्य-प्रणाली, ई-एमआईएस शिक्षण प्रणाली सहित विभिन्न विषय की जानकारी दी जायेगी।