नई दिल्ली : जामिया मिलिया इस्लामिया ने इस साल अपने दीक्षांत समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि बनने का न्यौता दिया है। हालांकि इस विश्वविद्यालय को इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई हामी नहीं मिली है।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता मुकेश रंजन ने कहा, ‘हम अपने विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने को लेकर आशान्वित हैं। हमने उन्हें अपने वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बनने के लिए इसी महीने के प्रारंभ में न्यौता भेजा था। हमें अबतक प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई संदेश नहीं मिला है।’ पिछले वर्ष राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थे। जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना 1920 में हुई थी और उसे 1988 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला।
यह न्यौता अहम है क्योंकि अबतक इस विश्वविद्यालय का दौरा नहीं करने वाले मोदी ने 2008 के सितंबर में हुई बटला हाउस मुठभेड़ को लेकर उसी साल जामिया की आलोचना की थी। मोदी ने उस साल गुजरात में एक जनसभा में कहा था, ‘दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया नामक एक विश्वविद्यालय है। उसने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह इस हरकत में शामिल आतंकवादियों के कानूनी शुल्क का वहन करेगा। जाओ डूब मरो। यह जामिया मिलिया सरकारी धन से चलाया जा रहा है और यह आतंकवादियों को जेल से बाहर निकलवाने के लिए वकीलों पर धन खर्च करने का दुस्साहस कर रहा है। वोटबैंक की यह राजनीति कब बंद होगी।’ मोदी का बयान जामिया के तत्कालीन कुलपति मुशीरूल हसन के इस कथन के बाद आया था कि विश्वविद्यालय अपने दो विद्यार्थियों के लिए कानूनी सहायता देगा जिन्हें आतंकवादी गतिविधियों में संदिग्ध रूप से संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया गया था।
जामिया ने दीक्षांत समारोह के लिए पीएम मोदी को दिया न्यौता, अबतक नहीं मिली PMO की मंजूरी
आपके विचार
पाठको की राय