नई दिल्ली: बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने लंदन में ब्रिटिश अधिकारियों के सामने दायर एक निजी कंपनी के रजिस्ट्रेशन दस्तावेज में खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। हालांकि कांग्रेस ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने कथित तौर पर ब्रिटेन के कंपनी कानून अधिकारियों से हासिल किए गए दस्तावेजों की प्रतियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा एक पत्र भी जारी किया, जिसमें उन्होंने इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताया और कांग्रेस उपाध्यक्ष की भारतीय नागरिकता तथा लोकसभा की सदस्यता छीन लेने की मांग की।

स्वामी ने कहा कि वह लोकसभा स्पीकर को पत्र लिख कर सदन से उनकी सदस्यता छीनने के लिए या तो एक विशेष समिति का गठन करने या मामले को आचार समिति के पास भेजने की मांग करेंगे। उन्होंने जो दस्तावेज जारी किए हैं, उसमें बताया गया है कि इंग्लैंड स्थित कंपनी 'बैकऑप्स लिमिटेड' के सालाना रिर्टन दस्तावेजों में राहुल गांधी ने खुद को 'ब्रिटिश' बताया है। स्वामी द्वारा जारी दस्तावेजों के मुताबिक, 45 वर्षीय कांग्रेस उपाध्यक्ष उस कंपनी के निदेशक एवं सचिव थे।
हालांकि, कांग्रेस ने स्वामी के आरोपों को खारिज करने की कोशिश की। पार्टी प्रवक्ता अजय माकन ने कहा, 'हम नहीं जानते कि उन्होंने (स्वामी ने) क्या कहा है। लेकिन जब कभी वह हाशिए पर चले जाते हैं तो उन्हें खबरों में वापस आने की आदत है।'

वहीं पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी जिस दिन पैदा हुए, उसी दिन से वह भारतीय नागरिक हैं और हमेशा उनके पास भारतीय पासपोर्ट ही रहा।' कांग्रेस ने सबूत के तौर पर अगस्त 2003 में जारी कंपनी के इंकॉर्पोरेशन दस्तावेज भी दिखाए, जिसमें राहुल की नागरिकता भारतीय बताई गई है।

हालांकि पार्टी ने इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि साल 2005 और 2006 में कंपनी द्वारा दायर वार्षिक रिटर्न के दस्तावेजों में राहुल गांधी ने अपनी नागरिकता ब्रिटिश क्यों बताई थी।

भारत की रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी जैसी ही ब्रिटिश संस्था 'कंपनी हाउस' की वेबसाइट से एनडीटीवी के हाथ मूल दस्तावेज लगे हैं, जिससे कई विसंगतियां उजागर होती हैं। कंपनी के इंकॉर्पोरेशन दस्तावेज में तो राहुल गांधी को भारतीय नागरिक बताया गया है, लेकिन सालाना रिटर्न में उन्हें ब्रिटिश बताया गया है।

स्वामी का कहना है कि यह कंपनी साल 2009 में बंद कर दी गई थी। उन्होंने साथ ही कहा कि विघटन आवेदन में भी राहुल गांधी ने कंपनी के निदेशक पद पर नियुक्ति के समय अपनी राष्ट्रीयता ब्रिटिश ही बताई थी।