नई दिल्ली: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पूरे भारत में लोकआस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हो रहा है. चार दिन के इस पर्व की शुरूआत नहाय खाय से होती है.

इस दिन छठव्रती सुबह स्नान कर भगवान सूर्य की आराधना करते हैं. स्नान व पूजा के बाद व्रती अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे.

 

सोमवार 16 नवंबर को खरना है. इस दिन छठव्रती दिनभर व्रत रखेंगे. शाम को स्नान करने के बाद भगवान सूर्य का ध्यान करेंगे और छठ मईया की पूजा करेंगे. चावल, दूध व गुड़ की खीर और रोटी तैयार कर भगवान सूर्य और छठ मईया का समर्पित किया जाता है. उसके बाद व्रती स्वयं प्रसाद के रूप में खीर और रोटी ग्रहण करेंगे.

दीवाली के ठीक छह दिन के बाद मनाया जाने वाला महापर्व छठ कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. इसमें सूर्य षष्ठीका व्रत करने का विधान है. अर्थवेद में भी इस पर्व का उल्लेख है.

 

मान्यता है कि सच्चे मन से की गयी छठ पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. इसे करने वानी स्त्रियां धन-धान्य, पति-पुत्र तथा सुख-समृद्वि से परिपूर्ण हो रहती है. वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस पर्व का महत्व है.
दिल्ली से सटे नोएडा में छठ पर्व की पूर्व संध्या पर भोजपुरी की प्रख्यात गायिका शारदा सिन्हा और मालिनी अवस्थी ने लोकगीतों के जरिए समां बांधा. इस अवसर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहे.