नई दिल्ली: बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगर उनकी पार्टी ने उन्हें बिहार में मुख्यमंत्री दावेदार के रूप में पेश किया होता तो शायद चुनाव के नतीजे कुछ और होते।
 
शत्रुघ्न ने इंडिया टीवी से कहा, "मैं शेखी नहीं बघार रहा हूं। लेकिन मैं महसूस करता हूं कि जब बिहारी लोगों का लाडला, धरतीपुत्र, वास्तविक बिहारी बाबू को जान बूझकर किनारे लगा दिया गया तो इसका निश्चित ही मेरे समर्थकों और प्रशंसकों पर बुरा प्रभाव पड़ा।"
 
उन्होंने कहा, "मैं नहीं कह सकता कि इससे कितना फर्क पड़ता, लेकिन इतना निश्चित रूप से कह सकता हूं...हमें जितनी सीट मिली हैं, निश्चित रूप से उससे अधिक मिलतीं।" सिन्हा ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि क्या पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने चुनाव प्रचार में उन्हें किनारे लगाया।
 
उन्होंने कहा, "हम सभी एक ही परिवार के हैं और हमें कुछ और की बजाय आत्ममंथन करते हुए हार से सीखना होगा और जवाबदेही तय करनी होगी। जैसे कि आरके सिंह, जो कि पूर्व गृह सचिव हैं और एक परिपक्व व्यक्ति हैं, ने कहा कि आत्ममंथन होना चाहिए, जवाबदेही तय होनी चाहिए। इससे हम हार को चुनौती की तरह लेंगे और इसे अपने लिए एक अवसर में बदल देंगे।"
 
बीजेपी नेतृत्व पर राज्य के बाहर के नेताओं को चुनाव प्रबंधन में लगाने पर निशाना साधते हुए शत्रुघ्न ने कहा, "बड़ी संख्या में नेता बाहर से बुलाए गए। कोई पंजाब से था, कोई महाराष्ट्र से तो कोई दिल्ली से। ये सभी जमीनी हकीकत से बिलकुल कटे हुए थे। इन्हें न तो यहां के जातिगत समीकरणों की समझ थी और न ही स्थानीय बोलियों की।"
 
उन्होंने कहा, "इस तरह के लोग यहां एक साथ महीनों एक साथ रहे। इतना पैसा, प्रतिभा और ऊर्जा खर्च हुई। और, नतीजा क्या निकला? हमने दिल्ली की हार से कुछ नहीं सीखा। यह हताशा को दिखाता है। हम बुरी तरह हारे और इससे मुझे दुख हुआ।"
 
शत्रुघ्न ने कहा, "मैं पहले भी कह चुका हूं और फिर दोहरा रहा हूं- बीजेपी मेरी पहली और संभवत: आखिरी पार्टी है। मैं पार्टी में तब आया था जब इसके महज दो सांसद थे। आज इसके पास बहुमत है।"
 
सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार में इतनी अधिक रैलियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम क्यों नहीं प्रधानमंत्री का बोझ कम करते? क्या हमें नहीं आगे लाया जाना चाहिए था?
 
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उनकी उपयोगिता मानती है तो वह हमेशा उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, "मैं अपनी पार्टी के साथ हूं..अपने जोशीले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करने के लिए।"