नई दिल्ली : बिहार चुनाव में करारी हार की टीस से ऊबरने के बाद बीजेपी सबसे पहले अपने बागी नेताओं पर कार्रवाई का मूड बना रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को बीजेपी संसदीय बोर्ड में शत्रुघ्न सिन्हा और आरके सिंह के नाम पर गहन चर्चा हुई है और त्योहार के बाद पार्टी दोनों नेताओं की देनदारी उतारने की तैयारी में है.
पार्टी विरोधी बयानबाजी और नीतियों के कारण शत्रुघ्न सिन्हा और आरके सिंह पहले ही सुर्खियां बटोर चुके हैं. हालंकि, बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दोनों के नाम पर चर्चा जैसी किसी भी बात से इनकार कर दिया. लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस ओर बहुत सख्त रवैया अपनाने की तैयारी में है. जाहिर है बिहार में पूरी जान झोकने के बावजूद बीजेपी को जिस तरह हार नसीब हुई है, वह बागियों पर कोई रहमदिली दिखाने के तेवर में नहीं है.
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'हमने और साथियों ने अच्छा प्रयास किया'
दूसरी ओर, बैठक के ठीक बाद अरुण जेटली ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'आज हमने शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने को लेकर कोई बात नहीं की है. हमें लगता है कि हमारे सहयोगी साथियों ने भी खूब मेहनत की. मैं मानता हूं कि हमारे गठबंधन के साथियों ने हमारे लिए अच्छा प्रयास किया और हमने उनके लिए अच्छा प्रयास किया. उनका हमको और हमको उनका वोट ट्रांसफर हुआ.'
'हमने वोट बैंक बढ़ाया'
अमित शाह की नेतृत्व क्षमता पर एक सवाल का जवाब देते हुए जेटली ने कहा, 'हम अमित शाह के नेतृत्व में चार विधानसभा के और कई स्थानीय निकाय के चुनाव को जीतने में सफल हुए हैं.' वित्त मंत्री ने आगे कहा कि महागठबंधन में तीन दल कम सीटों पर लड़कर भी ज्यादा सीट जीत गए. हमने केंद्र सरकार और संगठन के आधार पर अपना वोट बैंक बढ़ाया.
'शालीन भाषा का प्रयोग करें नेता'
नेताओं की अनर्गल बयानबाजी खासकर कैलाश विजयवर्गीय के बयान से संबंधित सवाल पूछे जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'मैंने उनका बयान नहीं सुना है, लेकिन मैं चाहूंगा कि पार्टी के सभी नेता शालीनता की भाषा का प्रयोग करें. ये मेरी अपेक्षा है.'