नई दिल्‍ली: जनसंख्‍या के लिहाज से देश के तीसरे सबसे बड़े राज्‍य बिहार के चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। उन्‍होंने यहां 30 से अधिक चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए बिहार के लिए विकास के बड़े पैकेज का वादा किया। इसके बावजूद परिणाम में भाजपा नीत एनडीए को मुंह की खानी पड़ी है।

चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्‍ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि नतीजों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्‍होंने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा, 'यह एक राज्‍य के चुनाव हैं। केंद्रीय नेतृत्‍व या सरकार के खिलाफ जनादेश नहीं।' वोटों की गिनती के पहले जावड़ेकर ने दावा किया था कि बिहार में जीत के लिए उनकी पार्टी पूरी तरह निश्चिंत है।

भाजपा ने चुनाव को बना लिया था प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न
उधर सीएम के तौर पर तीसरे कार्यकाल के लिए चुनावी समर में उतरे नीतीश कुमार ने कहा, भाजपा ने चुनाव को प्रधानमंत्री के लिए प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न बना लिया था। नीतीश ने इस चुनाव में लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया था। नतीजों में महागठबंधन की जीत तय होते ही बिहार की राजधानी पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्‍न मनाया। वे सड़क पर खूब नाचे और एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।

दिल्‍ली के बाद भाजपा की दूसरी हार
भाजपा के लिए यह दिल्‍ली के बाद किसी राज्‍य के चुनाव में मिली दूसरी हार है। खास बात यह है कि बिहार की तरह दिल्‍ली के चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़-चढ़कर चुनाव प्रचार किया था।