हरारे। गेंदबाजों के दमदार प्रर्दशन के बाद कप्तान एल्टन चिगुम्बरा की नाबाद 52 रन की बेहतरीन पारी की बदौलत जिम्बाब्वे ने 31 साल के लम्बे अंतराल के बाद ऑस्ट्रेलिया को एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को तीन विकेट से हराकर नया इतिहास रच दिया।

 

जिम्बाब्वे की त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में तीन मैचों में यह पहली जीत है जबकि ऑस्ट्रेलिया की तीन मैचों यह दूसरी हार है। जिम्बाब्वे ने इस जीत से ऑस्ट्रेलिया से पहले मैच में मिली। 98 रन की हार का बदला भी चुका लिया और अपने लिए फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें जगा लीं। जिम्बाब्वे ने नौ जून 1983 को तीसरे विश्वकप के दौरान ऑस्ट्रेलिया को 13 रन से हराया था। उस जीत के बाद जिम्बाब्वे को ऑस्ट्रेलिया की शक्तिशाली टीम को हराने के लिए 31 साल और 28 मैचों का इंतजार करना पड़ा। जिम्बाब्वे ने 1983 की जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया से 27 मैच गंवाए थे। लेकिन आज उसने एक नया इतिहास बना दिया।

 

जिम्बाब्वे गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 50 ओवर में नौ विकेट पर 209 रन के मामूली स्कोर पर रोक दिया। ऑस्ट्रेलिया का अपने वनडे इतिहास में जिम्बाब्वे के खिलाफ यह सबसे कम स्कोर है। इसके बाद जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों ने हरारे के स्टेडियम में दर्शकों से मिल रहे जबरदस्त सर्मथन के दम पर 48 ओवर में सात विकेट पर 211 रन बनाकर अपने क्रिकेट इतिहास की यादगार जीत हासिल कर ली।

इस जीत का श्रेय गेंदबाजों के शानदार प्रर्दशन के बाद कप्तान चिगुम्बरा की अर्धशतकीय पारी को गया जिन्होंने एक छोर संभालकर खेलते हुए अपनी टीम को न केवल जीत की मंजिल पर पहुंचाया बल्कि त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें भी जगा दीं।