वाशिंगटन: पाकिस्तान परमाणु हथियार संपन्न पांचवां सबसे बड़ा देश बनने की राह पर है। एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक अगले दस सालों में देश के जखीरे में दोगुना इजाफा होने के साथ परमाणु हथियारों की संख्या 250 तक पहुंच सकती है।
बुलेटिन ऑफ एटोमिक साइंटिस्ट्स ने पाकिस्तान न्यूक्लियर फोर्सेज 2015 विषय पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, पाकिस्तान के पास 110 से 130 आयुधों का जखीरा है। 2011 में 90 से 110 हथियार होने का आकलन किया गया था और इसलिए उसमें वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट ऐसे समय में जारी की गयी है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिका के चार दिनों के दौरे पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कई आपूर्ति प्रणालियों के विकासरत होने, चार प्लूटोनियम उत्पादन रियेक्टर और साथ ही कई यूरेनियम प्रतिष्ठान होने के साथ अगले 10 सालों में देश के परमाणु आयुधों के जखीरे में वृद्धि होने की संभावना है लेकिन यह कितना ज्यादा होगा, यह कई चीजों पर निर्भर करेगा।
इससे पहले कल पाकिस्तान ने माना कि उसने भारत के संभावित हमले को रोकने के लिए कम क्षमता वाले सामरिक परमाणु हथियारों का विकास किया है।
पिछले 20 सालों में पाकिस्तान के प्रदर्शन और उसके वर्तमान एवं प्रत्याशित हथियार विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिस्टेनसेन और नोरिस का आकलन है कि 2025 तक पाकिस्तान के परमाणु आयुधों की संख्या वास्तविक रूप में 250 तक हो सकती है जिससे वह परमाणु हथियार संपन्न दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन जाएगा।
ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के पास इस समय परमाणु क्षमता संपन्न छह तरह के क्रियाशील बैलिस्टिक मिसाइल और साथ ही दो विकासरत मिसाइल हैं। इन विकासरत मिसाइलों में कम दूरी का शाहीन-1ए और मध्यम दूरी की शाहीन-3 शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान साथ ही सतह से छोड़े जाने वाले बाबर हत्फ-7 और हवा से छोड़े जाने वाले राद हत्फ-8 के रूप में दो नए क्रूज मिसाइलों का भी विकास कर रहा है। इसमें कहा गया कि ऐसे संकेत हैं कि पाकिस्तान पनडुब्बियों पर तैनात करने के लिए किसी परमाणु हथियार का विकास कर रहा है जो संभवत: एक परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम क्रूज मिसाइल है।
2012 में पाकिस्तानी नौसेना ने समुद्र आधारित सामरिक परमाणु बल के विकास एवं तैनाती के लिए हेडक्वाटर्स नैवल स्ट्रेटेजिक फार्सेज कमांड (NSFC) की स्थापना की थी।
पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि यह कमान विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध की पाकिस्तान की नीति को मजबूत करने एवं क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए देश के दूसरी बार वार करने की क्षमता का संरक्षक होगा।
2025 तक पाकिस्तान बन सकता है 5वीं सबसे बड़ी परमाणु ताकत
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