राजकोट : सीरीज बराबर करने के बाद आत्मविश्वास से भरी टीम इंडिया अब अपना विजय अभियान जारी रखने को प्रतिबद्ध लगती है। वह रविवार को यहां होने वाले तीसरे वन-डे क्रिकेट मैच में मजबूत दक्षिण अफ्रीका को फिर अपने जाल में फंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
इंदौर में 14 अक्टूबर को 22 रन की जीत न सिर्फ भारतीय टीम बल्कि आलोचकों के निशाने पर चल रहे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए महत्वपूर्ण रही है। पहले टी-20 सीरीज और बाद में ग्रीन पार्क में पहला वनडे गंवाने के बाद भारत और धोनी पर काफी दबाव था। कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने धोनी के अंतिम एकादश में स्थान पर ही सवाल खड़े कर दिए थे लेकिन उन्होंने इंदौर में नाबाद 92 रन की पारी खेलकर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। इससे भारत खराब शुरुआत से उबरकर चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में सफल रहा था। चोटग्रस्त आर. अश्विन की अनुपस्थिति में स्पिन विभाग का जिम्मा संभाल रहे हरभजन सिंह और अक्षर पटेल ने बाद में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को लक्ष्य तक नहीं पहुंचने दिया। इस जीत से भारतीय टीम का आत्मविश्वास बढ़ा होगा क्योंकि एक बार टीम 124 रन पर छह विकेट गंवाने से संकट में थे।
पूरे रंग में दिखे धोनी
धोनी की 86 गेंद की पारी से हालांकि भारत 247 रन बनाने में सफल रहा था। धोनी ने न सिर्फ खौफ पैदा करने वाली शैली में बल्लेबाजी की बल्कि अपने गेंदबाजों का भी बहुत अच्छा उपयोग किया। भारतीय स्पिनरों ने घरेलू परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाया और लेग स्पिनर अमित मिश्रा की कमी नहीं खलने दी जिन्हें पहले मैच में अच्छी गेंदबाजी के बावजूद बाहर कर दिया गया था। लेकिन धोनी और उनकी टीम जानती है कि दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के सामने वे आत्ममुग्ध नहीं रह सकते हैं और किसी भी तरह की ढिलाई उन्हें भारी पड़ेगी। दोनों टीमों के लिए कल का मैच महत्वपूर्ण होगा क्योंकि वे 22 अक्तूबर को चेन्नई में होने वाले चौथे मैच से पहले मनोवैज्ञानिक लाभ लेने की कोशिश करेंगी।
विराट, रैना और शिखर को लेकर चिंता
धोनी का फार्म में लौटना जहां अच्छी खबर है वहीं विराट कोहली और टीम के दो अन्य सदस्यों सुरेश रैना और शिखर धवन की फार्म उसके लिए चिंता का विषय बनी हुई है। कोहली, रैना और धवन अब यहां बल्लेबाजों के लिये स्वर्ग माने जाने वाली पिच पर फॉर्म में लौटने की कोशिश करेंगे। राजकोट में जो पिछले दो अंतरराष्ट्रीय मैच हुए थे उनमें बड़े स्कोर बने थे। जहां तक दक्षिण अफ्रीका का सवाल है तो वह फिर से जीत की लय हासिल करने के लिये बेताब होगा। वह दूसरे मैच में अपेक्षाकृत आसान लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया था। उसके लिये सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्पिन का अच्छी तरह से सामना कैसे किया जाए। कप्तान एबी डिविलियर्स और फाफ डु प्लेसिस शीर्ष क्रम में अच्छा योगदान दे रहे हैं लेकिन यही बात उसकी बल्लेबाजी लाइनअप के दो महत्वपूर्ण सदस्यों हाशिम अमला और डेविड मिलर के लिये नहीं कही जा सकती।
ताहिर, डुमिनी पर बड़ी जिम्मेदारी
जहां तक गेंदबाजों का सवाल है तो डेल स्टेन के अगुवाई वाले तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिये भारत की पिचों से अनुकूल परिणाम हासिल करना आसान नहीं है। स्टेन, मोर्ने मोर्कल और युवा कैगिसो रबादा हालांकि अपनी अतिरिक्त तेजी और उछाल से बल्लेबाजों को परेशानी में डालते रहे हैं। यदि उनके तेज गेंदबाज नहीं चलते हैं तो फिर इमरान ताहिर और जीन पाल डुमिनी जैसे स्पिन गेंदबाजों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी।
बन सकते हैं खूब रन
पिच बल्लेबाजों के अनुकूल लगती है। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के पिच क्यूरेटर रसिक मकवाना ने कहा कि इस पिच में ढेरों रन बन सकते हैं और इस बार ओस बड़ा कारण नहीं बनेगी। वैसे, आयोजकों की सबसे बड़ी चिंता पाटीदार अनामत आंदोलन समित (पास) के नेता हार्दिक पटेल की धमकी है जिन्होंने मैच के दौरान व्यवधान डालने और उससे पहले टीमों के रास्ते रोकने की धमकी दी है। इसलिये मैच के लिये स्टेडियम ही नहीं बल्कि शहर में भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
सीरीज में बढ़त के उद्देश्य से आज मैदान में उतरेगी भारतीय टीम
आपके विचार
पाठको की राय