भोपाल   | मध्यप्रदेश राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीब मरीजों को गंभीर बीमारियों के विशेषज्ञ इलाज के लिये जिलों से सीधे मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में भेजा जा सकेगा। इसके लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने की बाध्यता नहीं होगी। गरीब मरीज अपनी पसंद के निजी मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिये हैं।

श्री चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में राज्य बीमारी सहायता निधि में स्वीकृत होने वाले प्रकरणों की प्रक्रिया और नियमों को सरल बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जटिल नियम-प्रक्रियाओं से गरीब मरीजों को इलाज में परेशानी नहीं आना चाहिये। उन्होंने गंभीर बीमारियों के विशेषज्ञ इलाज की सुविधा वाले अस्पतालों को जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने किडनी प्रत्यारोपण के लिये दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाने के संबंध में भी प्रस्ताव रखने को कहा। उन्होंने कहा कि एक ही परिवार के दो लोग को सहायता निधि का लाभ देने पर भी विचार करना जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि सरल नियमों के अंतर्गत अब जिला कलेक्टर और जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी गंभीर बीमारी के विशेषज्ञ इलाज के लिये सीधे मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में प्रकरण भेज सकते हैं। इसके लिये संभागीय मेडिकल कॉलेज-अस्पताल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लाने की बाध्यता नहीं होगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य बीमारी सहायता निधि की शुरूआत वर्ष 1997 से हुई थी। इसमें 20 गंभीर बीमारी के लिये 25 हजार से 2 लाख रूपये तक आर्थिक सहायता गरीब मरीजों को दी जाती है। राशि का चेक सीधे अस्पतालों को दिया जाता है। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।