नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चेतावनी दी है कि कुछ देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनाया गया ‘खंडित और पक्षपाती दृष्टिकोण’ असफल रहा है और इस बढ़ती बीमारी को केवल व्यापक, समन्वित और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए ही समाप्त किया जा सकता है।
जार्डन, फलस्तीन और इस्राइल की 10 अक्तूबर से शुरू हो रही अपनी ऐतिहासिक यात्रा से पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिम एशिया में आतंकवाद से उपजी अस्थिरता के कारण दक्षिण एशिया सहित पूरे विश्व में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं। आतंकवाद को ‘खराब और अच्छे’ के रूप में फर्क करने के कुछ देशों के नजरिए पर कड़ा रूख अपनाते हुए मुखर्जी ने कहा कि खंडित और पक्षपाती दृष्टिकोण आतंकवाद को काबू करने में सफल नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘भारत आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करता है..हम मानते हैं कि आतंकवाद से व्यापक तौर पर निपटना चाहिए। कुछ देशों द्वारा अपनाया गया खंडित और पक्षपाती दृष्टिकोण आतंकवाद से मुकाबला करने में असफल रहा है।’ राष्ट्रपति तीन देशों की छह दिवसीय यात्रा पर शनिवार को रवाना होंगे।
मुखर्जी ने कहा, सीरिया और इराक सहित आतंकवाद के वैश्विक प्रसार की वास्तविकता और आतंकवाद की वैश्विक आपूर्ति श्रंखला हमारे लिए अत्यधिक चिंता की बात है। ‘जार्डन टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘भारत लगभग चार दशक से आतंकवाद का सामना कर रहा है, जो मुख्यत: सीमा पार से प्रायोजित है। हम अस्थिरता के रूप में इसके पड़ने वाले प्रभाव से चिंतित हैं क्योंकि दक्षिण एशिया सहित विश्व भर में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं।'
उन्होंने कहा, भारत का यह पक्का विश्वास है कि ‘केवल मजबूती से लागू कर सकने वाली अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था से लैस होकर व्यापक, समन्वित और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए ही आतंकवाद को समाप्त किया जा सकता है।’ आतंकवाद की चुनौती के खिलाफ भारत द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसके लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है।
उन्होंने बताया कि वित्तीय रास्तों को बंद करके, उग्रवाद के खिलाफ घरेलू महौल बनाकर, आतंकियों के विरूद्ध मजबूत कानून बना कर और इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां करके उग्रवादी विचारधारा के प्रसार को रोकने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को शिकस्त देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक कानूनी खाके पर सहमत होने की जरूरत है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बिना नहीं मिटा सकते हैं आतंकवाद : राष्ट्रपति
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