नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आज ‘आधार कार्ड’ से जुड़ा एक अहम फैसला सुना सकता है. इसके बाद यह साफ हो जाएगा कि बैंक अकाउंट खोलने या फोन कनेक्शन लेने के लिए ‘आधार कार्ड’ आवश्यक होगा या नहीं? बता दें कि प्राइवेसी के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट में ‘आधार कार्ड’ पर सरकार के फैसले के खिलाफ एक याचिका दायर कि गई थी. वहीं हाल ही में ‘आधार कार्ड’ के नाम पर ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आए हैं. हैदराबाद में हर दिन करीब 20 लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. इस मामले में RBI, सेबी और ट्राई के अलावा कई राज्य सरकारों ने ‘आधार कार्ड’ का समर्थन किया है.
मंगलवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और याचिका दायर करने वाले वकील श्याम दीवान के खूब बहस हुई. रोहतगी ने कहा था कि जब लोगों को ‘आधार कार्ड’ से दिक्कत नहीं है तो फिर इसमें अड़ंगे क्यों लगाए जा रहे हैं. जिस पर रोहतगी दीवान ने प्राइवेसी में दखल देने कि बात कही.
इस मामले में ट्राई ने कहा कि जब से कोर्ट ने ‘आधार कार्ड’ को जरूरी नहीं बताया है, तब से आतंकवादियों के लिए मोबाइल कनेक्शन लेना आसान हो गया है और उन्हे आसानी से सिम कार्ड मिल जाते हैं.
‘आधार कार्ड’ के नाम पर हो रही ठगी-
हैदराबाद में ‘आधार कार्ड’ के नाम पर ऑनलाइन ठगी के रोजाना करीब 20 मामले सामने आ रहे हैं. यहाँ सरकार द्वारा कई योजनाओं को ‘आधार कार्ड’ से लिंक किया गया है. यहाँ ठग खुद को बैंकर या टेली कॉलर बताकर फोन करते हैं और लोगों से कहते है कि बैंक ने बेहतर सर्विस के लिए आपके ‘आधार कार्ड’ को डेबिट कार्ड से लिंक करने का फैसला किया है. इतना ही नहीं ठग सामने वाले को 12 डिजिट का कोड भी बताता है.
खास बात यह है कि यह कोड हर बैंक के लिए अलग होता है, इसके बाद के 4 डिजिट विक्टिम से पूछ लिए जाते हैं. ये 4 डिजिट कस्टमर की पहचान होते हैं. ठगी करने वाले इसके बाद CVV (कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू) हासिल कर लेता है. इसके बाद ठग विक्टिम के कार्ड का यूज करके ऑनलाइन शॉपिंग करता है.
आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है अहम फैसला
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