अमेरिका के विलियम कैंपबेल, जापान के सातोशी ओमुरा और चीन की तू यूयू को सोमवार को चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। इन तीनों ने विभिन्न परजीवियों के इलाज के लिए नई खोज की है।
स्वीडेन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट स्थित नोबेल असेंबली के अनुसार, इस पुरस्कार में कैंपबेल और ओमुरा की आधी हिस्सेदारी है। इन्होंने गोलकृमि द्वारा होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए नई खोज की है। कैंपबेल का जन्म आयरलैंड में हुआ था लेकिन 1962 में वह अमेरिका के नागरिक हो गए थे।
दूसरी तरफ, चीन की तू को मलेरिया के इलाज के लिए नई दवा की खोज के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नोबल असेंबली के अनुसार, कैंपबेल और ओमुरा ने एवरमेक्टिन नाम की दवा इजाद की है जिसके यौगिक के इस्तेमाल से रिवर ब्लाइंडनेस और लिम्फैटिक फाइलेरियासिस की घटनाओं में जबरदस्त कमी आई है। साथ ही, परजीवी आधारित अन्य बीमारियों के फैलने में भी इन दवाओं की क्षमता साबित हुई है।
तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला चिकित्सा का नोबेल
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