नई दिल्ली : साल 2015 में जनवरी से जून के बीच भारत ने FDI सेक्टर में चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। लंदन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स (FT) की एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई है। अखबार के मुताबिक, साल 2015 की पहली छमाही में भारत में 31 बिलियन डॉलर FDI आया। जबकि चीन में यह आंकड़ा 28 बिलियन डॉलर और अमेरिका में 27 बिलियन डॉलर रहा। अखबार ने ‘इंडिया ग्रैब्स इन्वेस्टमेंट लीग पोल पोजिशन’ नाम से यह रिपोर्ट पेश की है।

ग्लोबल इंडेक्स में भी छलांग
सिर्फ FDI ही क्यों, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल कम्पिटीटिवनेस इंडेक्स में भी भारत ने 16 प्वाइंट की बड़ी छलांग लगाई है। 140 देशों के इस इंडेक्स में भारत 55वीं पोजिशन पर पहुंच गया है।
इंडेक्स के लिए क्या पैरामीटर्स

इस इंडेक्स के लिए जो पैरामीटर्स तय किए गए हैं उनमें इंस्टीटयूशंस, मैक्रो-इकोनॉमिक एनवॉयरमेंट, एजुकेशन, मार्केट साइज और इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। FT के मुताबिक, साल 2014 में भारत में FDI 47 फीसदी (24 बिलियन) बढ़ा। यह बढ़त इसलिए भी खास हो जाती है क्योंकि दुनिया के बाकी देशों में FDI फ्लो कम हुआ है। अखबार ने लिखा है, “आने वाला वक्त भारत में FDI के लिहाज से और भी बेहतर होगा। पिछले साल की तुलना में भारत में इस साल FDI 30 बिलियन ज्यादा आया है। पिछले साल यानी 2014 में इसी दौरान यह आंकड़ा 12 बिलियन डॉलर था।” भारत ने चीन से तीन और अमेरिका से चार बिलियन डॉलर ज्यादा FDI हासिल किया है।

सही वक्त पर आई रिपोर्ट
FT की यह रिपोर्ट ऐसे वक्त आई है जब भारत का फॉरेन इन्वेस्टमेंट बोर्ड विदेशों से आने वाले इन्वेस्टमेंट प्रपोजल्स में से 18 को मंजूरी दे चुका है। यह प्रपोजल करीब पांच हजार करोड़ रुपए के हैं। फॉरेन इन्वेस्टमेंट बोर्ड एक नोडल अथॉरिटी है जो विदेशों से आने वाले इन्वेस्टमेंट प्रपोजल्स की स्क्रूटनी करती है। पीएम मोदी ने भी अपनी हालिया अमेरिकी विजिट में दुनिया की टॉप कंपनियों के सीईओज से मुलाकात कर उन्हें भारत में इन्वेस्टमेंट का ऑफर दिया था। मोदी की यह कोशिश इसलिए भी खास है क्योंकि दुनिया की टॉप कंपनीज चीन से पीछा छुड़ाना चाहती हैं। वैसे भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है। पिछले दिनों जब दुनिया पर एक और आर्थिक मंदी का खतरा मंडराने लगा था तब भी भारत की इकोनॉमी मजबूती से खड़ी थी।