नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु स्वामी दयानंद गिरी का बुधवार रात करीब 10:20 बजे अपने हरिद्वार स्थित आश्रम में निधन हो गया। 87 साल के दयानंद गिरी पिछले कई महीनों से अस्वस्थ्य थे। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को तय समयानुसार होगा। गौरतलब है कि इसी महीने की 11 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुरु से मिलने के लिए ऋषिकेश स्थित उनके दयानंद आश्रम गए थे। दयानंद गिरी के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने शिष्यों के सामने गंगा किनारे अंतिम सांस लेने कि इच्छा जताई थी इसी वजह से उन्हें अस्पताल से आश्रम ले आया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुरु  को ज्ञान, आध्यात्मिकता और सेवा का बिजलीघर बताया था। दयानंद गिरी संस्कृत के विद्वान और वदांत के अध्यापक थे। ऋषिकेश में उनका आश्रम गंगा के किनारे बना हुआ है। उन्होंने 1960 के दशक में इस आश्रम की स्थापना की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दयानंद गिरी का रिश्ता काफी पुराना था। बताया जाता है कि जब-जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मुश्किल घड़ी आई वह ज्ञान की तलाश में अपने गुरु की शरण में गए। स्वामी दयानंद गिरी पिछले 50 सालों से भी ज़्यादा वक्त से देश-विदेश में भ्रमण कर वेदांत की शिक्षा दे रहे थे।

दयानंद गिरी ने साल 2000 में ऑल इंडिया मूवमेंट फॉर सेवा संस्था की भी नींव रखी थी। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रयासों के लिए संस्था को साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अवॉर्ड भी प्रदान किया जा चुका है।