पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की मुख्य जंग भाजपा की अगुवाई वाली राजग और जदयू-राजद-कांग्रेस के गठबंधन से बने महागठबंधन के बीच में ही मानी जा रही है। इस जंग का बिगुल बजाते हुए भाजपा ने जहां राज्य में सबसे पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए 243 सीटों में से 41 सीटों के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया था। वहीं अब महागठबंधन ने एक ही बार में 243 सीटों में से 242 सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर विपक्षियों के खिलाफ कदम बढ़ा दिया है। सीटों के उम्मीदवारों के ऐलान से महागठबंधन में शामिल राजनीति जगत के तीनों दिग्गजों के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया है।
महागठबंधन ने अपने टिकट बँटवारे में सबसे ज्यादा महत्व पिछड़ी जाति को दिया है। उसने टिकट के उम्मीदवार का ऐलान उस क्षेत्र के समुदाय के प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए किया है। महागंठबंधन के नेता नीतीश कुमार ने सीटों का एलान करते हुए कहा कि हमने सामान्य वर्ग को 16 प्रतिशत, पिछडी जाति को 55 प्रतिशत, एससी-एसटी को 16 प्रतिशत, अल्पसंख्यक यानी मुसलमानों को 14 प्रतिशत सीटें बांटी है। उनके इस ऐलान से यह तो साफ है कि महागठबंधन ने सीटों के ऐलान में यह खास खयाल रखा है कि जिस क्षेत्र में जिस जाति समुदाय की अधिकता उस जाति के उम्मीदवारी उनती ही मजबूत।
महागठबंधन में घोषित की गई कुल सीटों में से 101 सीट सत्ताधारी जदयू के खाते में हैं जबकि 101 सीटें पूर्व सत्ताधारी लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राजद के हिस्से में है। शेष 41 सीटों की ज़िम्मेदारी महागठबंधन ने कांग्रेस को सौंपी है। महागठबंधन ने अभी जिस एक सीट के लिए उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है वह नालंदा जिले की राजगीर सीट है। जैस्पर जदयू का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। इस से यह साफ है कि राजद ने अपने सभी 101 औइर कांग्रेस ने 41 सीटों के उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। अब जदयू के खाते की एक सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान होना बाकी है।
राजद मुखिया लालू ने अपने दोनों बेटों को इस बार विधानसभा चुनाव के दंगल में ताल ठोकते नजर आ रहे है। लालू के छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को राजद ने महुआ से चुनाव में उतारा है। ये दोनों विस क्षेत्र वैशाली जिले में हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि सभी पार्टियों की राय थी कि मैं ही उम्मीदवारों की सूची जारी करूं। हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है। महागंठबंधन इस चुनाव में विकास को ही मुद्दा बनायेगा। एनडीए केवल विकास की बात करता है, लेकिन वह समाज को बांटने का काम करता है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में एनडीए में खटपट देखने को मिली है। खैर यह उनका अंदरुनी मामला है, जिनको भाजपा के साथ घुटना टेक कर चलना है वो चले। जनता सब कुछ देख रही है। भाजपा के सहयोगी नाराज हैं इससे चुनाव पर खासा असर पड़ेगा।
जंगलराज के सवाल पर नीतीश कुमार भड़क गये और उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज चल रहा है। नीतीश ने शिवसेना की तारीफ करते हुए कहा कि उनके जो मन में है वहीं सामने भी है, लेकिन भाजपा के अंदर कुछ और है और बाहर कुछ और। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद, जदयू और कांग्रेस तीनों पार्टियों के प्रदेश अध्यिक्ष मौजूद थे।
महागठबंधन ने जातियों को ध्यान में रखकर किया उम्मीदवारों का चयन, 242 सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा
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