वाशिंगटन : वैश्विक संस्था की सबसे शक्तिशाली शाखा के लंबित सुधार के वास्ते महासभा के वार्ता दस्तावेज को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद अमेरिका ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर भारत को शामिल किए जाने के लिए वह प्रतिबद्ध है। मंगलवार को आयोजित हुए पहले भारत-अमेरिका सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता की पृष्ठभूमि में अमेरिका की यह पुन:पुष्टि सामने आई।

न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हालिया घटनाक्रमों के बाद कुछ हलकों में शंका प्रकट किए जाने के बावजूद अमेरिका ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सदस्य के तौर पर भारत का समर्थन करता है। विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में आयोजित सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के समापन के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अमेरिका अपनी तरफ से सुरक्षा परिषद सुधार के साथ स्थायी सदस्य के तौर पर भारत के समर्थन की पुष्टि करता है। इसके अनुसार, दोनों पक्ष अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में असरदार भूमिका निभाते रहेंगे जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में वर्णित है।

संयुक्त बयान के मुताबिक, भारत और अमेरिका दोनों ही ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार पर अंतरसरकारी वार्ता (आईजीएन)’ में भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बयान के अनुसार, हिंद महासागर एवं प्रशांत महासागर क्षेत्र और दुनियाभर में शांति, स्थायित्व और समृद्धि के लिए भारत-अमेरिका भागीदारी का महत्वपूर्ण योगदान है। एशिया में सफल सहयोग निर्माण पर दोनों देश एशिया-प्रशांत एवं हिंद महासागरीय क्षेत्र के लिए संयुक्त सामरिक दृष्टिकोण के तहत सहयोग जारी रखने का स्वागत करते हैं, जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सहमत हैं। अमेरिका ने यमन में संघर्ष के दौरान अमेरिकी नागरिकों सहित विदेशी नागरिकों को वहां से निकालने में भारत के नेतृत्व और नेपाल में भूकंप के बाद राहत कार्यक्रमों में अमेरिका एवं भारत के बीच सहयोग की सराहना की।

वैश्विक संकट के दौरान नागरिकों की जरूरतों की पूर्ति के लिए भारत और अमेरिका एक सहयोगी के तौर पर काम करने पर दृढ़ हैं। दोनों देशों ने इस साल बाद में मालाबार 2015 में जापान की भागीदारी का भी स्वागत किया। अफगानिस्तान में उच्च स्तरीय विमर्श जारी रखने की वकालत करते हुए दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि एक सम्प्रभु, स्वतंत्र और समृद्ध अफगानिस्तान से ही क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के हित जुड़े हैं और साथ ही वे आतंकवाद तथा चरमपंथ से मुकाबले के लिए वैश्विक प्रयासों को जारी रखेंगे। दोनों देशों ने फरवरी 2015 में हुए एक विस्तारित संयुक्त राष्ट्र एवं बहुपक्षीय वार्ता, मार्च 2015 में अंतरिक्ष सुरक्षा वार्ता पर पहली बैठक और अप्रैल 2015 में अफ्रीका पर पहले भारत-अमेरिकी विमर्श के आयोजन पर संतोष जाहिर किया।