अक्टूबर में होने वाली गांधी-मंडेला सीरीज के लिए टीम इंडिया का चयन रविवार को होगा। कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि विराट कोहली को अब टेस्ट के बाद वनडे का भी कप्तान बनाया जा सकता है, जबकि एमएस धोनी को टी-20 का कप्तान बनाए रखा जाएगा।ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि इन खबरों में कितनी सच्चाई है। अभी तक बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन धोनी का पक्ष लेते रहे हैं, लेकिन अब जबकि श्रीनिवासन खुद संकट में हैं, तो क्या चयनकर्ता इतना साहस दिखा पाएंगे कि धोनी को हटाकर कोहली को कप्तान बना दें।

हालांकि यदि हम आंकड़ों पर गौर करें, तो अभी तक खेले गए मैचों के आधार पर विराट कोहली की कप्तानी में जीत का प्रतिशत धोनी से बेहतर नजर आता है।

जीत का प्रतिशत कोहली का बेहतर
एमएस धोनी ने 181 मैचों में कप्तानी की है, जिनमें से 101 मैचों में उन्हें जीत मिली, वहीं 65 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। विराट कोहली ने अभी तक 17 मैचों में कप्तानी की है, जिनमें से टीम को 14 मैचों में जीत मिली और 3 में हार का मुंह देखना पड़ा। यदि जीत के प्रतिशत को देखें, तो धोनी का प्रतिशत 60 है, वहीं कोहली का प्रतिशत 80 है।

कप्तान के रूप में बल्लेबाजी में आगे हैं कोहली
एमएस धोनी ने कप्तान के रूप में बैटिंग करते हुए 181 मैचों में 6,143 रन बनाए हैं, जिनमें 6 शतक शामिल हैं। कोहली ने कप्तान के रूप में 17 मैचों में 850 रन बनाए हैं, जिनमें 4 शतक शामिल हैं।

बांग्लादेश से हारने के कारण चयनकर्ता कर सकते हैं विचार
गौरतलब है कि बांग्लादेश ने एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया को जून में हुई वनडे सीरीज में 2-1 से हरा दिया था। इसके बाद वनडे में भी उनकी कप्तानी पर सवाल उठने लगे थे। ऐसे में चयनकर्ता श्रीलंका में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद आक्रामक कोहली को वनडे में भी टीम की कमान सौंपने पर विचार कर सकते हैं।

पूर्व खिलाड़ियों ने की तारीफ
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, सुनील गावस्कर, दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी जैक कलिस जैसे क्रिकेट के कई दिग्गजों ने विराट की अप्रोच की सराहना करते हुए उन्हें सभी तरह के फॉर्मेट में कप्तानी के योग्य बताया है।

दिग्गज दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज जैक कलिस ने हाल ही में कहा, ‘वक्त आ गया है कि विराट को तीनों फॉर्मेट की कप्तानी सौंप दी जाए। कोहली को कहीं ना कहीं तो शुरुआत करनी होगी। हां, फैसला होने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि यह कितना सही या गलत है।’

सुनील गावस्कर ने कहा, ‘विराट ने श्रीलंका को उसकी धरती पर हराकर कप्तानी की प्रो-एक्टिव अप्रोच दिखाई है। अब वह टीम को संभाल सकता है।’

सौरव गांगुली ने कहा, ‘अच्छी कप्तानी के लिए सिचुएशन के अनुसार उचित निर्णय लेना होता है। यह विशेषता विराट में है।’