भोपाल : मध्यप्रदेश की ओड़ बेलदार जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा मिले। पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना पात्रता के लिये आय सीमा में वृद्धि की जाये तथा मध्यप्रदेश के लिये बाबू जगजीवनराम बाल एवं कन्या छात्रावासों का कोटा दुगुना किया जाये। यह माँग मध्यप्रदेश के आदिम-जाति तथा अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने नई दिल्ली में केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चन्द गहलोत की उपस्थिति में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आहूत राष्ट्रीय सम्मेलन में रखी।

श्री ज्ञान सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब तक प्रतिवर्ष 5-5 बाबू जगजीवनराम बालक एवं कन्या छात्रावासों का निर्माण करवाया जाता है। राज्य के आकार और लाभान्वितों की संख्या को देखते हुए केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष 10-10 बाबू जगजीवनराम बालक एवं कन्या छात्रावास के निर्माण की अनुमति दी जाये। उन्होंने देश के आर्थिक परिदृश्य में आ रहे बदलाव का उल्लेख करते हुए पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना की आय सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर चार लाख करने की अपील भी की।

मध्यप्रदेश की ओड बेलदार जाति को अनुसूचित-जाति का दर्जा देने की माँग करते हुए श्री ज्ञान सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य के लिये अनुसूचित-जाति की सूची में क्रमांक-10 पर बेलदार, सुनकर जाति को अनुसूचित-जाति के रूप में अधिसूचित किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार के ओड़ जाति पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आदिम-जाति अनुसंधान तथा विकास संस्थान द्वारा करवाये गये सामाजिक अध्ययन के प्रतिवेदन के आधार पर भी बेलदार के साथ-साथ ओड बेलदार को भी अनुसूचित-जाति के रूप में अधिसूचित करने के लिये राज्य शासन ने प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से प्रस्ताव पर शीघ्र कार्यवाही करने का आग्रह किया।

मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने मध्यप्रदेश में अनुसूचित-जाति और अनुसूचित-जनजाति के विकास के लिये किये जा रहे कार्यों का विस्तार से खुलासा करते हुए कहा कि प्रदेश में 669 कन्या छात्रावास में 32 हजार 092 बालिकाएँ आवासीय सुविधाएँ ले रही हैं। प्रदेश के कन्या छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य, शैक्षणिक एवं उत्कृष्ट-स्तर की आवासीय सुविधा सुनिश्चित करने की महत्वाकांक्षी कार्य योजना के क्रियान्वयन पर 615.60 लाख रूपये व्यय होंगे। मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने इस कार्य के लिये 6 करोड़ की केन्द्रीय सहायता देने की माँग की।