नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य के कप्तान की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ताबड़तोड़ बल्लेबाज विराट कोहली इस समय अपने करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में यह बल्लेबाज कुल 134 रन बना सका। अगर 25 अगस्त से शुरू हो रही वनडे सीरीज में वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो चयनकर्ताओं को कड़ा फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

2008 में श्रीलंका के खिलाफ दांबुला में वनडे मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले विराट इससे पहले इतने खराब दौर से कभी नहीं गुजरे हैं। इंग्लैंड दौरे में मैदान और मैदान के बाहर के विवादों ने उन्हें हिलाकर रख दिया है। यह पहली बार है जब किसी टेस्ट सीरीज में उनका औसत 15 से भी नीचे गया है। यही नहीं वह पूरी सीरीज में एक अर्धशतक तक नहीं लगा पाए और उनका उच्चतम स्कोर 39 रन रहा। हालांकि कप्तान महेंद्र सिंह धौनी, चयनकर्ताओं और बीसीसीआइ का उन पर विश्वास बना हुआ है। इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज उनकी जिंदगी की महत्वपूर्ण सीरीज होने वाली है।

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि प्रशंसकों को कोहली से बहुत ज्यादा उम्मीदें रहती हैं, लेकिन उसके साथ ऐसा पहली बार हुआ है। निश्चित ही वह वनडे सीरीज में इससे उबरकर अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करेगा। अगर वनडे की बात करें तो कोहली ने इससे पहले एशिया कप के रूप में अपना आखिरी वनडे टूर्नामेंट खेला था। इसमें उन्होंने चार मैचों की तीन पारियों में 63 के औसत से 189 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक भी शामिल था। उससे पहले न्यूजीलैंड में हुई वनडे सीरीज में भी दिल्ली के इस बल्लेबाज ने पांच मैचों की पांच पारियों में 58.20 के औसत से 291 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। अगर हालिया टेस्ट सीरीज को छोड़ दिया जाए तो कोहली वर्तमान में टीम इंडिया के सबसे होनहार खिलाड़ी हैं और बुरे दौर से उबरने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।