नई दिल्ली। जल्द ही देश में हवाई सफर महंगा हो सकता है। सरकार अपनी नई सिविल एविएशन पॉलिसी में एयर टिकट पर दो फीसदी सेस लगाने पर विचार कर रही है। यह पॉलिसी अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही इसके जारी होने की संभावना है।
सेस के जरिये मिलने वाली राशि का उपयोग रीजनल और रिमोट एरिया में घरेलू एयरलाइंस द्वारा एयर कनेक्टीविटी सुविधा देने में वायबिल्टी गैप फंडिंग को पूरा करने में किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सिविल एविएशन मंत्रालय एयर टिकट पर दो फीसदी सेस लगाने पर विचार कर रही है और यह प्रस्ताव नई एविएशन पॉलिसी के तहत प्रस्तावित है। सरकार के इस कदम से एयर टिकट के दाम बढ़ने और हवाई सफर महंगा होने की पूरी संभावना है।
नई एविएशन पॉलिसी के तहत सरकार रीजनल और रिमोट एरिया, विशेषकर नॉर्थ ईस्ट, में एयर कनेक्टीविटी को बढ़ाना चाहती है। सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार घरेलू एयरलाइंस के लिए इंटरनेशनल उड़ान नियमों को आसान बनाने के तमाम विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
वर्तमान में घरेलू ऑपरेशन में पांच साल का समय पूरा करने वाली भारतीय कंपनियों को इंटरनेशनल रूट पर 20 जहाजों के फ्लीट की अनुमति है। सूत्रों ने बताया कि नई पॉलिसी के तहत पांच साल के अनिवार्य ऑपरेशनल अनुभव को कम किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने जताई लुभावने हवाई टिकटों पर चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरलाइंस कंपनियों के लुभावने ऑफर पर चिंता व्यक्त की है। सिविल एविएशन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने एक बैठक में घरेलू एयरलाइंस द्वारा लुभावने ऑफर पेश करने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इंडस्ट्री की छवि धूमिल होती है। इस प्रथा पर रोक लगनी चाहिए। मंत्रालय अब डीजीसीए से मिलकर ऐसी पॉलिसी बनाने पर विचार करेगा, जिससे एयरलाइंस लुभावने ऑफर न दे सकें।