पटना: महागंठबंधन से नाराज होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विकल्प की तलाश में जुट गयी है. पार्टी महासचिव सह सांसद तारिक अनवर ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि महागंठबंधन ने जानबूझ कर दरकिनार किया है. सांप्रदायिक ताकत को शिकस्त देने के लिए जदयू, राजद व कांग्रेस के साथ समर्थन देते आये. जब टिकट वितरण का समय आया तो कोई बातचीत नहीं की गयी. महागंठबंधन द्वारा एकतरफा फैसला लिया गया. पार्टी इसका विरोध करती है. महागंठबंधन के निर्णय से लगता है कि राकांपा की उसे कोई जरूरत नहीं है. महागंठबंधन में राकांपा की 12 सीट की दावेदारी बनती है. उन्होंने कहा कि राकांपा पहले से घोषणा कर चुकी है कि भाजपा के साथ तालमेल का कोई इरादा नहीं है. अब महागंठबंधन के रवैये को देख कर वह विकल्प की तलाश कर रही है.

तारिक अनवर ने खुलासा किया कि महागंठबंधन व एनडीए के खिलाफ वामदलों से हाथ मिलाने से परहेज नहीं है. अगर सकारात्मक बातचीत नहीं हुई तो पार्टी सभी सीटों पर अकेले भी चुनाव लड़ सकती है. ऐसे तीसरा मोरचा के गठन पर विचार हो सकता है. उन्होंने कहा कि वे सीमांचल में पार्टी नेताओं के साथ सलाह मशविरा कर आगे की रणनीति तय करेंगे. पार्टी 20 अगस्त तक अपना निर्णय लेगी. संवाददाता सम्मेलन से  पहले पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में महागंठबंधन के निर्णय का विरोध किया गया. पार्टी नेताओं ने इसका बदला लेने के लिए चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का सुझाव दिया.