नई दिल्ली : हरियाणा के 100 परिवार के लोगों ने शनिवार को सामूहिक रूप से इस्लाम कबूल कर लिया। इन्होंने बाकायदा जंतर मंतर पर कलमा और नमाज पढ़ी।
मोहम्मद आलिल रहमान ने इनका धर्म परिवर्तन करवाया। ये सभी लोग हिसार के भगाणा गांव के हैं। सभी लोग गांव छोड़ने के बाद दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे।
वह न्याय के लिए पिछले दो सालों से तकरीबन सभी सरकारी दफ्तरों व अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों का कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ, क्योंकि वह दलित व पिछड़ी जातियों से हैं।
उनका आरोप है कि गांव की पंचायत ने उनका बहिष्कार किया। उनकी जमीनों पर भी कब्जा कर लिया। शिकायत करने पर मारपीट और गोलीबारी की गई। महिलाओं के साथ भी बदसलूकी हुई।
इसकी शिकायत हर जगह और तकरीबन हर अधिकारी से कर चुके हैं। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। धर्म परिवर्तन करने वाले सतीश काजला ने बताया कि हरियाणा में उन पर जाति के नाम पर अत्याचार व अन्याय हुआ।
अत्याचार करने वाले सवर्ण जातियों से हैं। पुलिस व सरकारी अधिकारी भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, क्योंकि वह भी उन्हीं जातियों से हैं।
उनका कहना है कि इस्लाम कबूल करने के बाद एकदम सब कुछ ठीक नहीं होगा। इसके लिए हमें संघर्ष करना पड़ेगा, लेकिन कम से कम छूआछूत नहीं होगी।
सतीश ने कहा कि 21 मई 2012 को 137 परिवारों ने भगाणा गांव छोड़ दिया। तब से लगातार धरने पर हैं। पहले ग्राम स्तर, जिला और फिर दिल्ली में धरना दिया।
गांव छोड़ने के बाद भी 23 मार्च 2014 को गांव की चार दलित लड़कियों को अगवा कर दुष्कर्म किया गया। इसके कुछ समय बाद 25 अगस्त 2014 को दलितों के घरों पर फायरिंग की गई। गांव की ही एक दलित लड़की से 8 मार्च 2015 को दुष्कर्म किया गया।
भगाना कांड के 100 पीड़ित परिवारों ने कबूला इस्लाम
आपके विचार
पाठको की राय