चेन्नई: भारत के पहले स्वदेश निर्मित उच्च क्षमता वाले क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन का हाल ही में 800 सैकेंड की अवधि के लिए सफल परीक्षण किया गया।
तमिलनाडु के महेन्द्रगिरी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रोपल्जन काम्पलैक्स से 800 सैकेंड की अवधि के लिए क्रायोजेनिक इंजन चलाया गया जोकि उड़ान भरने की अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत ज्यादा है।
इसरो ने आज एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस इंजन का इस्तेमाल क्रायोजेनिक स्टैज (सी.25) और इसरो के प्रक्षेपण वाहन जी.एस.एल.वी. एम.के.-3 को ऊर्जा देने के लिए किया जाएगा।