नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र आज से शुरु होगा। इस सत्र के बेहद हंगामेदार रहने के आसार नज़र आ रहे हैं। मानसून सत्र से एक दिन पहले ही स्पष्ट हो गया था कि सरकार और विपक्ष के बीच संसद में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान से जुडे़ विवादों को लेकर टकराव होगा।

कांग्रेस ने साफ कहा कि जब तक आरोपों से घिरे भाजपा नेता इस्तीफा नहीं देते, संसद नहीं चलने दी जाएगी। उधर सरकार का कहना है कि कोई भी इस्तीफा नहीं देगा और वह किसी अल्टीमेटम के आगे नहीं झुकेगी।

मानसून सत्र से पहले दो सर्वदलीय बैठकें हुईं। एक संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और दूसरी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुलायी थी। दोनों ही बैठकों में गतिरोध दूर नहीं हुआ।

सुषमा, वसुंधरा और चौहान के इस्तीफे तक संसद नहीं चलेगी: आजाद

कांग्रेस ने दबाव बढ़ाते हुए स्पष्ट कर दिया कि संसद के मानसून सत्र के दौरान कार्यवाही तब तक नहीं चलेगी जब तक केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान इस्तीफे नहीं दे देते या उन्हें हटा नहीं दिया जाता।

आजाद ने कहा कि सदन की कार्यवाही बाधित करने का निर्णय दिन प्रतिदिन आधार पर किया जाएगा। उन्होंने यद्यपि इसके पर्याप्त संकेत दिये कि कांग्रेस पार्टी भाजपा के उदाहरण का पालन करेगी जिस पर उन्होंने संप्रग सरकार के शासन काल के दौरान 2जी मुददे पर सदन की कार्यवाही रोकने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, भाजपा दोहरे मापदंड नहीं अपना सकती। उन्होंने कहा, व्यापमं और ललितगेट का महत्व अरब गुना अधिक है।

तृणमूल भूमि विधेयक का विरोध करेगी

तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल ने मानसून सत्र में भूमि विधेयक का विरोध करने और भ्रष्टाचार के मुददों को लेकर केंद्र सरकार को घेरने का फैसला किया है।

पार्टी संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, संसद के इस सत्र में हमारा प्रमुख एजेंडा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की हमारी प्रतिबद्धता है।

इस सवाल पर कि क्या तृणमूल कांग्रेस सदन के भीतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ आवाज उठाएगी, उन्होंने कहा, हम इसका फैसला सदन के पटल पर करेंगे।

माकपा ने कामाकाज की जवाबदेही राजग के पाले में डाली

माकपा ने चेताया कि अगर सरकार ललित मोदी प्रकरण एवं अन्य कथित घोटालों में वरिष्ठ मंत्रियों के नाम जोड़े जाने की जांच कराने की विपक्ष की मांग पर सहमत नहीं हुई तो संसद के मानसून सत्र में कामकाज में व्यवधान उत्पन्न होने की पूरी जिम्मेदारी उसकी होगी।

संसद के मानसून सत्र की पूर्वसंध्या पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा को ललित मोदी प्रकरण की उसी तरह से जांच कराने की अनुमति देनी चाहिए जिस तरह से संप्रग सरकार के कार्यकाल में टूजी स्पेक्ट्रम मामले में उसने जांच की मांग की थी।

भाजपा के सहयोगी दलों का सरकार को पूरा समर्थन

कांग्रेस के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजग के सभी घटक दलों का समर्थन मिला लेकिन सहयोगी दलों ने गठबंधन में बेहतर समन्वय के लिये एक संयोजक नियुक्त करने की मांग की।

मानसून सत्र से पहले मोदी ने भाजपा की संसदीय कार्यकारी समिति और बाद में राजग के घटक दलों के साथ बैठकें कीं जहां सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान समेत पार्टी के आला नेताओं के खिलाफ विपक्ष के अभियान का आक्रामक तरीके से मुकाबला करने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।

राज्यसभा में शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि सभी सहयोगी दलों ने समस्त मुददों पर पूरी तरह मोदी और सरकार का समर्थन किया और सरकार के बचाव की मुद्रा में आने का कोई सवाल ही नहीं है।

संसद में होगा सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच महा मुकाबला: शिवसेना

शिवसेना ने ऐलान किया कि संसद का मानसून सत्र सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के बीच महा मुकाबला होगा। भाजपा के शीर्ष नेताओं के इस्तीफे की मांग के खिलाफ शिवसेना भाजपा के मजबूत समर्थन में आ गयी है।

उन्होंने राजग के घटक दलों की बैठक बुलाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि संसद सत्र से पहले ये अपनी तरह की पहली बैठक थी, सत्ताधारी गठबंधन में संवाद बहाल रखने में ये बैठक मील का पत्थर साबित होगी।

राउत ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पिछले कुछ महीने से दिखायी जा रही आक्रामकता के लिए उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि देश को मजबूत विपक्षी दल की आवश्यकता है।

संसद में बयान देने को तैयार हैं सुषमा

ललितगेट पर विपक्ष के निशाने पर आयी सरकार ने साफ किया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने खिलाफ लगे आरोपों पर संसद में बयान देने को तैयार हैं।

मानसून सत्र शुरू होने के एक दिन पहले बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि सुषमा ललित मोदी प्रकरण पर संसद में बयान देने की इच्छुक हैं।

जनता परिवार के दलों सहित कई विपक्षी दल सुषमा के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग का समर्थन नहीं करते हैं। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस इस मुददे पर अलग थलग पड़ती नजर आई।