ग्वालियर। 2 साल के मासूम बेटे को घर से लेकर निकली महिला ने उसे आग में फेंक दिया और खुद भी लपटों के बीच बैठ गई। महिला की यह हरकत देख लोग सकते में आ गए और किसी तरह दोनों को आग से निकाला। हालांकि तब तक बच्चे के हाथ और पैर बुरी तरह झुलस गए थे। घटना की सूचना पर मुरार पुलिस भी आ गई। मां-बेटे को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
	
	पुलिस के मुताबिक सिद्धेश्वर नगर निवासी नाथूराम की पत्नी कमला बुधवार रात करीब 9 बजे बेटे किस्सू (2) को साथ लेकर जच्चाखाने के पास घूम रही थी। कमला कुछ देर सड़क पर टहलती रही। फिर अस्पताल के पास खडे होने वाले अंडों के ठेलों के पास पहुंच गई। अंडे वाले घर जाने की तैयारी में थे इसलिए एक अंडे वाले ने ठेले और आसपास का कचरा समेट कर जला दिया। कचरा काफी होने से कुछ ही देर में आग तेज हो गई।
	इसी बीच बेटे किस्सू को लेकर वहां टहल रही कमला आग के पास आई और उसे आग में फेंक दिया। किस्सू ने उठना चाहा तो कमला ने उठने नहीं दिया बल्कि खुद भी आग में बैठ गई। पुलिस का कहना है कमला मानसिक रूप से बीमार लग रही है। घटना की वजह जानने के लिए उसके पति को तलाशा जा रहा है।
	
	सड़क पर मची अफरा तफरी: मुरार जच्चाखाने के पास आग की लपटों में बच्चे को फेंकने की घटना से सड़क पर अफरा तफरी मच गई। राहगीर वाहन रोककर आग में गिरे किस्सू को उठाने दौड़े लेकिन कमला ने बच्चे को नहीं उठाने दिया। किसी तरह लोगों ने उसे काबू किया।
	
	जादू टोने की आशंका
	
	अस्पताल में कमला से पुलिस और चिकित्सक ने कई सवाल किए लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। सिर्फ यह रट लगाए रही कि पति नाथूराम तांत्रिक को लेकर आया था। उसने सब बर्बाद कर दिया। नाथू को तलाशा तो वह घर पर नहीं मिला।





