नई  दिल्ली : दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम दिल्ली पुलिस का टकराव सड़क पर आ गया है. आनंद पर्वत मीनाक्षी मर्डर केस पर सरकार ने दिल्ली पुलिस को आड़े हाथों लिया है. आम आदमी पार्टी के यूथ विंग ने पुलिस मुख्यालय के सामने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया है. दूसरी ओर केजरीवाल ने पुलिस कमिश्नर को शहर की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर समन भेजा है.

केजरीवाल ऑफिस ने पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी को सोमवार को पेश होने को भी कहा है. सीएम ऑफिस से यह समन आनंद पर्वत में मीनाक्षी के कत्ल पर भेजा गया है. केजरीवाल ने शनिवार को मृतक लड़की के परिजनों से मुलाकात की थी और दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था. रविवार को दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंचे.

क्या मर्डर का राजनीतिकरण कर रहे हैं केजरीवाल!
दरअसल दिल्ली पुलिस राज्य सरकार के अधीन न होकर गृह मंत्रालय के मातहत है. केजरीवाल लंबे समय से दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन करने की मांग करते रहे हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती हालत पर CM ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. दूसरी तरफ पीड़िता के परिजनों से मिलकर लौट रहे सतीश उपाध्याय ने दिल्ली पुलिस की तारीफ की. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अच्छा काम कर रही है, केजरीवाल को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.

हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में केजरीवाल ने पुलिसवालों के लिए 'ठुल्ला' शब्द इस्तेमाल किया था. इस पर पुलिस कमिश्नर बस्सी ने सीएम की भाषा पर आपत्ति जताई थी. इससे पहले भी दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस कई मामलों पर आमने-सामने हो चुकी है. आम आदमी पार्टी की यूथ विंग ने रविवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करेगा.

शनिवार को केजरीवाल ने आनंद पर्वत इलाके में एक हमले में जान गंवाने वाली मीनाक्षी के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की थी और मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया था. दरअसल 19 साल की मीनाक्षी की गुरुवार को एक व्यक्ति और उसके भाई ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी. केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बदतर हो रही है. दिल्ली पुलिस प्रधानमंत्री के अधीन आती है या तो उन्हें कुछ करना चाहिए या दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए.'

'दिल्ली पुलिस हमें दे दो'
केजरीवाल ने कहा था, 'यदि पुलिस दिल्ली सरकार के प्रति उत्तरदायी नहीं होगी तो उसे जवाबदेह कैसे बनाया जाएगा. फिलहाल, दिल्ली पुलिस अपने में एक कानून है.' इससे पहले दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी बीएस बस्सी से स्पष्टीकरण मांगा था कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई. केजरीवाल ने कहा, 'हमने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं. दिल्ली के गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से 48 घंटे में रिपोर्ट तलब की है.'

जैन ने बस्सी को भेजे खत में पूछा है कि 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक बलात्कार के बाद राजधानी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में क्या बदलाव हुए हैं. जैन ने बस्सी से इसपर भी जवाब मांगा है कि जब लड़की को आरोपी बार-बार परेशान कर रहे थे, तब एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई. घटना से पहले लड़की ने कई बार जो शिकायतें दर्ज कराईं उनपर क्या कार्रवाई हुई.