नई दिल्ली: आतंकी संगठन आईएसआईएस की रमजान के महीने में एक बार फिर घिनौनी करतूत देखने को मिली। इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने रमजान के महीने में रोजा की रस्में नहीं निभाने के लिए 5 किशोरों समेत 94 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। मानवाधिकार के लिए काम करने वाली एक सीरियाई संस्था ने बताया कट्टरपंथी सुन्नी आतंकवादी संगठन आईएस ने इन लोगों को फांसीपर लटकाकर, पिंजरे में बंदकर या फिर गोलियों से भूनकर मार डाला। 

इस्लाम के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आईएस के आतंकी आए दिन लोगों को जान से मारते रहते हैं। जो मुस्लिम रोजा रखते हैं उनके लिए दिन में खाना, पीना और धूम्रपान करना पूरी तरह से निषेध रहता है। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए इन कड़े नियमों का निभाना काफी मुश्किल होता है। 

बता दें इस्लामिक स्टेट के आतंकियों का इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा है और जिन लोगों को मारा गया है वे इन्हीं इलाकों के रहने वाले थे। इन इलाकों में रक्का, अलेप्पो और दीअर अल-जोर शामिल हैं। एक मानवाधिकार संस्था के संस्थापक रमी अब्दुलर्रहमान ने बताया कि जिन पांच किशोरों को मारा गया उनकी उम्र 13 से 16 साल के बीच थी। इनमें से एक को लोहे के पिंजरे में डाल दिया गया और बाकि चार को फांसी पर लटका दिया गया।