नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय की शीर्ष खरीद समिति ने मंगलवार को 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी जिनमें सेना के 60 पुराने वायु रक्षा तोपों को हटाना और नौसेना के लिए लंबी दूरी की पी 81 समुद्री गश्ती विमान की खरीद शामिल है।


रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने की। इसमें सबसे अहम फैसला ‘खरीदो और बनाओ’ श्रेणी के तहत एल 70 और जेडयू 23 एमएम तोपों को सेना की वायु रक्षा के लिये बदलने की आवश्यकता को स्वीकार करना (एओएन) रहा।इन पुरानी तोपों को हटाना सेना के लिए एक शीर्ष वरीयता है। डीएसी मंजूरी अब ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल’ जारी करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।


सिर्फ दो कंपनियों..पुंज लॉयड और भारत फोर्ज..ने खरीद योजना पर सेना के सूचना के लिये अनुरोध का जवाब दिया है।
मंजूर किए गए अन्य बड़े प्रस्तावों में चार और पी 81 विमानों की खरीद 4, 380 करोड़ की लागत से किए जाने का प्रस्ताव शामिल है। पी 81 बोइंग की अगली पीढ़ी की 737 वाणिज्यिक विमान पर आधारित है। यह अमेरिकी नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पी 8 ए पोसेइडोन के प्रारूप का है। इस विमान के लिए भारत पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक था।


आठ विमानों के मूल सौदे पर 2009 में हस्ताक्षर हुआ था और समझौते के मुताबिक 2013, 2014, 2015 में तीन तीन विमरन सौंपे जाने हैं। नौसेना के लिए मंजूरी दिए गए अन्य बड़े सौदों में दिल्ली और तलवार श्रेणी के जहाजों पर हथियार एवं सेंसर सूट का उन्नयन शामिल है। नये राडारों के अलावा छह जहाजों के लिए रूस से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियां ली जाएंगी।