नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था, ''अन्य देशों में जिन हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी है। भारत उनके लिए एकमात्र जगह है।'' अब मोदी सरकार इस वादे पर खरा उतरने के लिए काम कर रही है।

लंबी अवधि के वीजा पर पाकिस्तान से भारत आए हिंदू प्रवासियों को जल्द बैंक अकऊंट खोलने और रेजिडेंशल प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति दी जा सकती है। इन कदमों से देश के इकनॉमिक सिस्टम में इन लोगों को बिना भारतीय नागरिकता के शामिल करने में मदद मिलेगी।

अगर इस पॉलिसी को मंजूरी मिलती है तो हिंदू प्रवासी अपने वीजा और फॉरनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरओ) या फॉरनर रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) की ओर से जारी रेजिडेंशल परमिट के आधार पर बैंक अकाउंट्स खोल सकेंगे।

मोदी सरकार अफगानिस्तान से आए हिंदुओं को भी नागरिकता देने पर तेजी से काम कर रही है। आर.बी.आई. ने लंबी अवधि के वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए इस तरह की पॉलिसी के लिए हरी झंडी दी है। इसके बाद ही सरकार ने पाकिस्तान से आए हिंदुओं को बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी खरीदने की सुविधाएं देने की योजना बनाई है।

इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि सरकार पाकिस्तान से आए हिंदुओं को ये सुविधाएं देने में काफी दिलचस्पी ले रही है क्योंकि सरकार का मानना है कि ये पाकिस्तानी नागरिक उत्पीड़न के शिकार हैं।

अधिकारियों ने कहा कि सरकार पाकिस्तान से हिंदू प्रवासियों को बिना आर.बी.आई. की अनुमति के नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी रुपी अकाउंट (एनआरओ) खोलने की भी अनुमति दे सकती है।

मौजूदा नियमों के तहत, एनआरओ अकाऊंट्स भारत से बाहर रहने वाला कोई भी व्यक्ति बैंकों और ऑथराइज्ड डीलर्स के पास खोल सकता है लेकिन पाकिस्तानी नागरिकों के मामले में आर.बी.आई. की अनुमति की जरूरत होती है।

सरकार इस अतिरिक्त जांच से पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों को छूट देने पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''बहुत से विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। हम सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को लेकर होम मिनिस्ट्री से भी राय मांगेंगे।'' उन्होंने कहा कि बैंकों को भारत में पाकिस्तानी हिंदुओं के बैंक एकाऊंट्स पर होम मिनिस्ट्री को क्वॉर्टर्ली रिपोर्ट देनी होगी।