नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व फिजियो जॉन ग्लॉस्टर का मानना है कि बीसीसीआइ को चोटों से जूझने वाले तेज गेंदबाज वरुण एरोन को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एरोन का अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा और सफल रह सकता है।

2005 से 2008 तक भारतीय टीम के साथ काम करने वाले ग्लॉस्टर ने कहा, 'काम के बोझ को उचित तरह से बांटना भारतीय तेज गेंदबाजों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी चिंता की बात है।Ó भारतीय टीम से जुड़े रहने के दौरान जहीर खान, आशीष नेहरा और अजित अगरकर जैसे तेज गेंदबाजों के साथ काम करने वाले ग्लॉस्टर ने कहा, 'वरुण करीब 24 साल के हैं और वह पहले ही पीठ की सर्जरी करा चुके हैं। इतनी कम उम्र में यह सही चीज नहीं है। वह ऐसे तेज गेंदबाज हैं, जिसके साथ काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि उसकी चोट उभर सकती है।

इशांत शर्मा के टखने की चोट उभरने के बारे में पूछने पर ग्लॉस्टर ने कहा कि इंग्लैंड के हालात में गेंदबाजी करना पूरी तरह से अलग है। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि जब तेज गेंदबाज को इंग्लैंड में काउंटी खेलने का अनुभव नहीं होता तो उन्हें नरम मैदान पर दिक्कत आती है। ग्लॉस्टर ने कहा कि यही कारण है कि भारतीय गेंदबाजों के लिए अहम है कि वह काउंटी क्रिकेट खेलें। जहीर खान को देखिए। काउंटी के साथ एक सत्र बिताने के बाद वह बिल्कुल बदले हुए गेंदबाज थे।