पानी प्यास बुझाने का साधन मात्र ही नहीं बल्कि यह कई रोगों में औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है ।
- गर्मी में लू लग जाए तो अधिक मात्रा में पानी पीने से काफी राहत मिलती है ।
- फोड़े-फुंसी व खुजली आदि होने पर रोगयुक्त स्थान को पानी से धोने पर रोग फैलने का भय नहीं रहता ।
- नाक बंद होने की स्थिति में पानी की भाप लेने से बंद नाक खुल जाती है ।
- तेज बुखार होने पर रोगी के माथे पर ठंडे पानी या बर्फ की पट्टियां रखने से कुछ ही देर में बुखार उतर जाता है ।
- जोड़ों व हाथ-पैरों के दर्द में गर्म पानी की पट्टियां रखने से लाभ होता है ।
- चमड़ी पर जलन हो तो ठंडे पानी से धोने से आराम मिलता है ।
- दुर्बलता होने व शरीर का ताप बढ़ने पर जितना अधिक हो सके, नमक मिलाकर पानी का सेवन करें और बराबर स्नान करते रहें ।
- खांसी, जुकाम व निमोनिया आदि रोगों में अधिक से अधिक पानी पीना लाभप्रद है ।
- शरीर में पानी की कमी हो जाने पर मामूली नमक, तीन चम्मच शक्कर, एक चम्मच खाने के सोडे को पानी में घोल कर पिएं । साथ ही अधिक मात्रा में पानी का सेवन भी करते रहें । यह शरीर में नमक व पानी की कमी को पूरा करता है ।
- उल्टी-दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी होने से मृत्यु तक हो सकती है, अत: इसमें तरल पदार्थ जैसे शिकंजवी, चावल का उबला पानी, पानी व चीनी का घोल इत्यादि पिलाया जाता है ।
- पानी कब्ज दूर करने का सबसे सस्ता व सरल उपाय है । सुबह उठते ही दो गिलास ताजा पानी पिएं । इससे कब्ज तो दूर होती ही है, साथ ही पेट संबंधी बीमारियां भी उत्पन्न नहीं होतीं ।
- दमे के रोगियों को भी जल का अधिक सेवन बहुत लाभ पहुंचाता है ।
- रक्तचाप कम होने पर दिन में अधिक से अधिक पानी का सेवन करें ।
- वैसे भी रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने से शरीर स्वस्थ व तरोताजा रहता है, साथ ही सौंदर्य में वृद्धि भी होती है।
औषधीय गुणों से भरपूर पानी
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