जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. डीके साकल्ले की मौत के 362 दिन बाद आईएमए अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी ने इस मामले में सनसनीखेज बयान देकर सबको चौंका दिया। आईएम द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने डॉ. साकल्ले की आत्महत्या करने की बात को गलत ठहराते हुए कहा कि उनकी हत्या की गई थी। इस वारदात को लेजर गन के जरिये अंजाम दिया गया है। यह लेजर गन नेपाल से बिहार के रास्ते जबलपुर लाई गई थी।
डॉ. तिवारी का दावा है कि यह जानकारी उन्हें एक सूत्र ने दी थी। वह चाहता था कि मैं इसे सीबीआई तक पहुंचाऊं लेकिन सीबीआई को जांच से अलग कर दिया गया। उन्होंने कहा कि डॉ. साकल्ले को व्यापमं घोटाले की अहम जानकारियां थीं।
जिस तरह व्यापमं मामले में बड़े नाम सामने आने के बाद हत्याएं हो रही हैं, इससे मुझे भी अपनी हत्या की आशंका है। हालांकि डॉ. तिवारी ने अपने पास कोई सबूत होने की बात से इंकार किया है। उधर आईएमए ने डॉ. तिवारी के बयान से खुद को अलग किया है।
क्या था मामला
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. डीके साकल्ले पिछले साल 4 जुलाई की सुबह अपने घर पर जली अवस्था में मृत पाए गए थे। घटना के वक्त उनकी पत्नी मॉर्निंग वॉक के लिए गई थीं। आधे घंटे बाद वह लौटीं तो घटना की जानकारी हुई। पुलिस की पड़ताल और पीएम रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या की है।
प्रेस कान्फ्रेंस का रुख पलट दिया
आईएमए की स्टेट बॉडी ने 'मरीज और डॉक्टरों के खराब होते संबंधों पर चिंता' व्यक्त करने के लिए पत्रकारवार्ता बुलाई थी। लेकिन डॉ. सुधीर तिवारी ने विवादास्पद बयान देकर पत्रकारवार्ता का रुख ही मोड़ दिया। उनके इस बयान के बाद वहां मौजूद अन्य आईएमए पदाधिकारियों ने खुद को उनके इस बयान से अलग कर लिया।
डॉ. तिवारी ने बताए ये आधार
डॉ. सुधीर तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉ. डीके साकल्ले फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष थे। उन्हें आत्महत्या करने के हजारों तरीके मालूम थे। मैं भी उनका स्टूडेन्ट रहा हूं। वे मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या कर ही नहीं सकते।
-मिट्टी का तेल डालने के बाद आत्महत्या करने से तुरंत मौत नहीं हो जाती। आत्महत्या करने वाला दो-तीन दिन तक तड़पता है उसके बाद उसकी मौत होती है।
-डॉ. साकल्ले की बॉडी ड्राय मिली, जबकि मिट्टी का तेल डालकर जो आत्महत्या करता है उसकी बॉडी वेट (गीली) मिलती है। इसके अलावा गंध भी आती है।
-डॉ. साकल्ले को व्यापमं से जुड़े कुछ मामलों की जानकारी हो गई थी जोकि कुछ लोगों के लिए मुसीबत पैदा कर सकती थी।
-डॉ. साकल्ले की मौत के बाद पोस्टमार्टम जूनियर डॉक्टरों से क्यों कराया?
-डॉ. साकल्ले की मौत के मामले की सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाई गई। जबकि यह गंभीर मामला था, इसके बाद भी इसे सीबीआई को क्यों नहीं सौंपा गया।
डॉ. साकल्ले को लेजर गन से मारा गया
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