नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में इंटरनैशनल बॉर्डर पर अचानक बढ़ी हिंसा को रोकने के लिए सेना एक अनोखी तैयारी में है, जिसमें सेना का हथियार 20-20 क्रिकेट होगा। 197 किलोमीटर की सीमा से सटे लोगों के लिए सेना बॉर्डर क्रिकेट लीग टूर्नामेंट कराएगी। इससे सीमा के आसपास बसे लोगों से सेना के न सिर्फ बेहतर रिश्ते बनेंगे, बल्कि उसे समय-समय जमीनी स्तर पर खुफिया सूचना भी मिल सकेगी।

इंटरनैशनल बॉर्डर राज्य के तीन जिलों से जुड़ा है। यह सीमा एलओसी के मुकाबले हमेशा से शांतिपूर्ण रही थी। हालांकि, पिछले एक साल में इस सीमा पर हिंसा और घुसपैठ में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हमलों की बढ़ती घटनाओं से सेना इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं आतंकवादियों के समर्थन के लिए इस इलाके में कोई सिस्टम तो तैयार नहीं हो गया। 

बहरहाल, बॉर्डर क्रिकेट लीग में 6 से 8 टीमें बनाई जाएंगी और इसमें बॉर्डर इलाके के लोग 20-20 क्रिकेट खेलेंगे। संयोग से क्रिकेट के इस फॉर्मैट में भारत का रिकॉर्ड पाकिस्तान के मुकाबले बेहतर रहा है। सभी टीमों को सेना की तरफ से ट्रेनिंग और बाकी सामान दिए जाएंगे। सेना ने स्थानीय लोगों तक पहुंचने के लिए सबसे पहले कश्मीर घाटी में क्रिकेट का सहारा लिया था और उनका मानना है कि इससे काफी लाभ हुआ था।

सेना के बड़े अधिकारियों के मुताबिक, उनका मकसद लोगों को इस खेल के लिए प्रोत्साहित करना और मदद देना है। इसके साथ ही टूर्नामेंट से टैलेंट भी बाहर निकलकर आएगा। क्रिकेट के अलावा सेना ने इंटरनैशनल बॉर्डर पर गुर्जर समुदाय के लोगों तक पहुंचने के लिए भी कार्यक्रम बनाया है। गुर्जर समुदाय पारंपरिक तौर पर सेना को आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देता रहा है, लेकिन जम्मू रीजन में जो पिछले कुछ हमलों में आतंकवादियों को गुर्जर डेरों में शरण मिलने की खबरें आ रही हैं।