नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विवादों में फंसे ललित मोदी ने दावा किया है कि 2010 में यूपीए सरकार में जब प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने आईपीएल बिजनस डील और पर्सनल वित्तीय लेन-देन की जांच ईडी से कराने का आदेश दिया था।

मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार मोदी का दावा है कि यह तत्कालीन केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की बर्खास्तगी में उनकी भूमिका के प्रतिशोध में था।

गौरतलब है कि इससे पहले आईपीएल संस्थापक ललित मोदी ने तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम पर कुछ वजहों से परेशान करने का आरोप लगाया था। चिदंबरम को आगे चलकर वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

मुखर्जी के खिलाफ आरोप ब्रिटेन अथॉरिटीज को दिए 46 पेज के उस बयान में है, जिसे ललित मोदी ने बतौर विदेशी बिजनस प्रतिनिधि के रूप में रहने की अनुमति मांगी थी।

ललित मोदी ने कहा, मुखर्जी का कदम कांग्रेस की उस परेशानी का हिस्सा था जिसमें मैंने 11 अप्रैल, 2010 को दावा किया था कि थरूर की दिवंगत पत्नी सुनंदा पुष्कर की कोच्चि आईपीएल फ्रैंचायजी में 25 पर्सेट इç`टी है और इसके लिए थरूर ने बोली लगाई थी। इस खुलासे के बाद कांग्रेस मुझसे गुस्सा हो गई थी।

ललित मोदी ने यूके अथॉरिटीज से कहा था कि कुछ दिनों बाद कोच्चि फ्रैंचायजी पर उनके ट्वीट्स आए और शशि थरूर ने इस्तीफा दे दिया।