वॉशिंगटन: बादाम, जिसे अंग्रेजी में नट भी कहते हैं, खाने से कुछ खास प्रकार के कैंसर से बचा जा सकता है। यह हालांकि टाइप-2 मधुमेह में कारगर नहीं होता है। यह बात एक अध्ययन में कही गई। इस अध्ययन में अध्यनकर्ताओं ने 30,708 मरीजों पर अध्ययन किया। अध्ययन की रपट शोध पत्रिका न्यूट्रीशन रिव्यूज में प्रकाशित हुई है। मुख्य अध्ययन के लेखक और मिनेसोटा के रोचेस्टर में मायो क्लिनिक के शोधार्थी लैंग वू ने कहा, हमारे अध्ययन में पता चलता है कि बादाम खाने से कैंसर का जोखिम कम होता है। इस जानकारी का उपयोग जीवन में किया जा सकता है।
वू ने कहा, हर्ट डिजीज पर बादाम के लाभदायक प्रभाव की पहले से मौजूद जानकारी को इस अध्ययन निष्कर्ष के साथ मिलाया जाए, तो इसका अर्थ यह निकलता है कि जो व्यक्ति कैंसर और ह्वदय रोग को जोखिम कम करने के लिए बेहतर आहार अपनाना चाहते हैं, वे अपने खान-पान में बादाम को शामिल कर सकते हैं। उन्हें कैलोरी और वसा की मात्रा को देखते हुए विभिन्न बादामों में से सही बादाम चुनना होगा।
शोधार्थियों ने बताया कि पहले के शोध में भी बादाम के रोग निवारक गुणों का पता चला है, लेकिन अलग-अलग प्रकार के कैंसर में इसके असर के बारे में सटीक जानकारी का अभाव है। मायो क्लिनिक और मिनेसोटा के मिनियापोलिस में स्थिति मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोध लेखकों ने कहा विभिन्न प्रकार के कैंसर के साथ बादाम के प्रभाव को लेकर और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।
शोध लेखकों ने कहा, बादाम खाने से कोलोरेक्टल कैंसर, इंडोमेट्रियल कैंसर और पैंक्रिएटिक कैंसर का जोखिम घटता है, लेकिन अन्य प्रकार के कैंसर और टाइप-2 मधुमेह के बारे में ऎसा नहीं कहा जा सकता है। समग्र तौर पर कहा जा सकता है कि बादाम खाने से कैंसर से रक्षा होती है।