लखनऊ। मेरठ पुलिस ने सनाउल्ला के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया है। महिला थानेदार ने अदालत से अनुरोध कर सनाउल्ला पर दुष्कर्म की धारा में इजाफा कर दिया। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और विवेचना का तरीका पहले से ही सवालों के घेरे में था। आरोपियों को बचाने और यहां तक स्वयं कप्तान पर आरोपियों की पैरवी तक के आरोप लगे।
ध्यान रहे कि रिपोर्ट दर्ज होने के 11 दिन बाद 13 अगस्त को बड़ी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी सनाउल्ला को गिरफ्तार कर किया था। उसे मीडिया के सामने तो पेश नहीं किया गया बल्कि एसएसपी ओंकार सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि सनाउल्ला ने जो मेडिकल रिपोर्ट पेश की। उसके मुताबिक सनाउल्ला अपहरण में शामिल नहीं था और न उसने दुष्कर्म किया है।
मुकदमे की विवेचना कर रही एसओ अलका सिंह ने अदालत से सनाउल्ला को कोर्ट तक लाने की अनुमति मांगी। उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय शगुन पंवार की अदालत में पेश किया गया। अदालत की इजाजत से सनाउल्ला के मुकदमे में धारा 376डी का इजाफा कर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोपी बना दिया। इसके बाद उसे फिर जेल भेज दिया गया।
खरखौदा कांड में सनाउल्ला के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा
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