वाराणसी। एक निजी नर्सिग होम में तेज बुखार के चलते भर्ती तेरह वर्षीय कक्षा छह की छात्रा के साथ वहीं के कंपाउंडर संतोष ने सोमवार की देर रात दुष्कर्म किया। रोहनिया पुलिस ने आरोपी कंपाउंडर को मंगलवार मोहनसराय से गिरफ्तार कर लिया जब वह बस पकड़कर कहीं भागने की फिराक में था। उधर पुलिस ने नर्सिग होम संचालक के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है।

रोहनिया थाना क्षेत्र के बच्छाव में रहने वाली तेरह वर्षीय बालिका की कई दिनों से तबीयत ठीक नहीं थी। सोमवार को तेज बुखार होने पर मां और मौसी के साथ शाम चार बजे वह चुनार-करसड़ा मार्ग स्थित एक निजी नर्सिग होम पहुंची। नर्सिग होम संचालक डा. रामलाल मौर्य ने परीक्षण के बाद उसे भर्ती कर लिया। पीड़िता की मां व मौसी ने पुलिस को बताया कि बेनीपुर (मिर्जामुराद) निवासी तेईस वर्षीय कंपाउंडर संतोष रात में डाक्टर के जाने के बाद आया और बोला कि बालिका को ओटी में (आपरेशन थियेटर) में चेकअप के लिए ले जाना है। मां व मौसी को बाहर बैठने के लिए बोलकर कंपाउंडर छात्रा को लेकर अंदर कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद बालिका के चीखने की आवाज सुनाई दी तो बाहर बैठीं मां व मौसी भागकर अंदर पहुंचीं तो सामने का दृश्य देखकर कलेजा बैठ गया। बेटी खून से लथपथ होकर तड़प रही थी। दोनों महिलाओं ने शोर मचाते हुए कंपाउंडर को पकड़ लिया लेकिन वह हाथ छुड़ाकर भाग निकला।

नर्सिग होम में भर्ती अन्य मरीजों के हो-हल्ला करने पर नर्सिग होम संचालक को इसकी जानकारी हुई और वह भागकर पहुंचे। पीड़िता की मां को किसी तरह समझाकर शांत कराया और भोर में चार बजे ही छात्रा को नर्सिग होम से डिस्चार्ज करने के साथ ही धमकी दी कि पुलिस के पास गई तो अंजाम अच्छा नहीं होगा।

हालत देख नहीं रहा गया

पति के देहांत के बाद तीन बच्चों को किसी तरह पाल रहीं मां लोकलाज के भय से बेटी को लेकर घर पहुंचीं लेकिन वहां उसकी हालत देखकर बेचैन हो उठीं और बेटी की जिंदगी बर्बाद करने वाले को सजा दिलाने के लिए बेटी के साथ थाने पहुंचीं। पीड़िता के चाचा के तहरीर पर संतोष के खिलाफ दुराचार का मुकदमा दर्ज कर छात्रा को मेडिकल के लिए मंडलीय अस्तपाल भेजा। छात्रा की हालत देखकर डाक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया। दुराचार के बाद मामले की जांच के लिए नर्सिग होम पहुंची पुलिस को संचालक की डिग्री फर्जी होने का अंदेशा है। रोहनिया थानाध्यक्ष राजेश यादव ने बताया कि बीस साल से नर्सिग होम चला रहे डाक्टर की जांच के लिए सीएमओ को पत्र लिखा जाएगा।