जबलपुर। बस्तर की एक हजार आदिवासी महिलाओं को एक-एक ग्राम सोना देने का संकल्प। हाथ में एक ग्राम भी नहीं। ऐसे में महज एक अपील पर चंद घंटे में 253 श्रद्धालु सोना लेकर पहुंच गए। यह संकल्प साकार करने की अपील पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ने की। मौका था उनके जन्मदिन का। एक संत की अपील का असर था कि सोना दान करने वालों के आने का जो सिलसिला जारी हुआ वह मंगलवार की रात तक चलता रहा। दान में मिले सोने का दाम भले ही 7 लाख के आसपास हो लेकिन यह बड़े भरोसे की बात है।
भक्त ने लॉकेट दिया तभी आया विचार:
बस्तर की आदिवासी महिलाओं को सोना दान करने का संत का संकल्प पूर्व नियोजित नहीं था। यह संकल्प उन्होंने क्षण भर में ही ले लिया था। दरअसल कार्यक्रम के दौरान एक श्रद्धालु ने सत्यमित्रानंद जी को सोने का लॉकेट उपहार स्वरूप देने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया। कहा-सोने की आवश्यकता मुझे नहीं। एक-एक ग्राम सोने का दान बस्तर की कम से कम एक हजार महिलाओं को दिया जाना चाहिए। बस यहीं से संकल्प पूरा करने की शुरुआत हो गई।
सुबह से दानदाता पहुंचे:
स्वामी सत्यमित्रानंद की इस अपील के बाद दूसरे दिन सुबह से ही दानदाता छोटीलाइन फाटक स्थित समन्वय सेवा केन्द्र में एक-एक ग्राम सोना दान करने पहुंचने लगे। यह सिलसिला मंगलवार की रात तक जारी रहा।
आभूषण, नकदी नहीं, सिर्फ सिक्का ले रहे
संकल्प के लिए यहां दान का सोना आभूषण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा रहा है, बल्कि सिक्के के रूप में लिया जा रहा है। प्राप्त सोने से कोई भी आभूषण बनेगा, जो बस्तर की एक हजार महिलाओं को भेंट किया जाएगा।
स्वामी सत्यमित्रानंद की अपील पर 253 ग्राम सोने का दान
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