भोपाल। भारत के सबसे बेहतरीन आर्किटेक्ट में से एक चार्ल्स कोरिया का मंगलवार देर रात निधन हो गया है। वे कुछ समय से बीमार थे। वे 84 वर्ष के थे। देर रात मुंबई में उन्होंने अंतिम सांस ली। कोरिया का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार्ल्स कोरिया के निधन पर शोक जताया है।
चार्ल्स कोरिया का मप्र की राजधानी भोपाल से भी गहरा नाता रहा है। मप्र की विधानसभा और कलाकेंद्र के रूप में पूरे देश में प्रसिद्ध भारत भवन सहित कई इमारतों का आर्किटेक्चर उन्होंने ही तैयार किया था। चार्ल्स कोरिया को 2006 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
चार्ल्स कोरिया को मॉडर्न आर्किटेक्चर का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। उनका जन्म 1 सितंबर 1930 को सिकंदराबाद में हुआ था। उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज, अमेरिका की मिशीगन यूनीवर्सिटी और मैसाचुसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अपनी पढ़ाई की है।
कोरिया ने भारत और विदेश के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाया भी हैं। वास्तुकला के लिए उन्हें आगा खान पुरस्कार, प्रीमियर इम्पीरियल ऑफ जापान और रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (आरआईबीए) के रॉयल गोल्ड मेडल समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1984 में पर्यावरण संरक्षण और शहरी समुदायों में सुधार के लिए समर्पित मुंबई में शहरी डिजाइन अनुसंधान संस्थान की स्थापना की।